सीमेंट सडक, नाली, शूध्द पेयजल उपलब्ध करने की मांग
हुब्बल्ली. संकरी मिट्टी की सडक़ें, जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं। नालियों का गंदा पानी बार-बार सडक़ पर बहना, बरसात के दिनों में गंदा पानी घरों में घुसना, सडक़ किनारे कचरे का ढेर, शाम के समय मच्छरों का प्रकोप, सीवरेज मिश्रित पेयजल की आपूर्ति, निगम को समय पर कर का भुगतान करने के बाद भी मकान का मालिकाना हक (पट्टा) नहीं मिलना….
यह हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के वार्ड संख्या 49 के हनुमंत नगर, शेट्टर लेआउट, शक्ति कॉलोनी समेत लिंगराज नगर के आसपास के स्लम इलाकों का हाल है। ऐसी कई समस्याओं और अभावों के बीच ही यहां के निवासी अपना दैनिक जीवन जी रहे हैं।
हनुमंत नगर में 25 वर्षों से अधिक समय से 300 से अधिक परिवार रह रहे हैं। कई वर्षों से यहां के निवासी नगर निगम को समय पर संपत्ति कर का भुगतान करते आ रहे हैं परन्तु आज तक उन्हें नगर निगम की ओर से आधिकारिक दरवाजा नंबर और निवासी अधिकार प्रमाण पत्र (पट्टा) नहीं मिला है। उनके पास प्रारंभ में भूखंड से संबंधित जमीन के मालिक की ओर से दिया गया जमीन का पत्र मात्र है।
साफ पानी बना मृगतृष्णा
यहां आदिवासी, शोषित और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते हैं। इनमें से अधिकांश दैनिक मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं। छोटे-छोटे घरों में रहने वाले यहां के निवासियों के लिए पीने का साफ पानी भी मृगतृष्णा बना हुआ है।
ओवरफ्लो होती हैं नालियां
स्थानीय निवासी ईरम्मा, गंगम्मा मडिवाल, सुभद्रम्मा, नागराज, देवेन्द्रप्पा पारगी आदि ने कहा कि जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं करने के कारण घरेलू अपशिष्ट जल, शौचालय के पानी के पाइप सीधे सीवर में स्थापित किए जाते हैं। इससे अक्सर नालियों ओवरफ्लो होकर सडक़ों पर पानी बहता है। कभी-कभी सीवेज पेयजल आपूर्ति पाइपों में चला जाता है जिसके परिणामस्वरूप गंदे पानी की आपूर्ति होती है। यह पीने और उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं होता है।
आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं
हनुमंत नगर के निवासी नारायण लक्ष्मण कोप्पल ने कहा कि हम 25 साल से रह रहे हैं और 10 साल से नगर निगम को संपत्ति कर का भुगतान कर रहे हैं। आज तक हमें नगर निगम की ओर से आधिकारिक डोर नंबर, पट्टा नहीं मिला है। सडक़, सीवेज सिस्टम और स्वच्छ पेयजल सहित आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है।
चलना-फिरना भी मुश्किल
शेट्टर लेआउट के निवासी राजू ने कहा कि नगर निगम के पार्षदों से कई बार सीमेंट, डामर सडक़ और व्यवस्थित जल निकासी के लिए नालियों का निर्माण करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है। फिर भी अब तक कोई फायदा नहीं हुआ है। बरसात के मौसम में यहां चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है।
घरों में घुसता है सडक़ का पानी
शेट्टर लेआउट की गृहिणी जयश्री ने कहा कि सडक़ छोटी होने के कारण नालियों का निर्माण नहीं किया गया है। बरसात के दिनों में सडक़ का पानी घरों में घुस जाता है। सडक़ किनारे बॉक्स ड्रेन का निर्माण करने पर सहूलियत होगी।
सीवेज का दूषित पानी मिलने से आती है दुर्गंध
हनुमंत नगर की गृहिणी सुभद्रम्मा ने कहा कि मिट्टी की कच्ची सडक़ें हैं, जिमें अधिकतर खराब हालत में हैं और लोगों को आवागमन के लिए योग्य नहीं हैं। बरसात के दिनों में यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। नगर निगम की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले पीने के पानी में सीवेज का दूषित पानी मिलने से दुर्गंध आती है।
6 करोड़ रुपए के अनुदान का प्रस्ताव
हनुमंत नगर, शेट्टर लेआउट, शक्ति कॉलोनी और रानी चेन्नम्मा कॉलोनी में सडक़ निर्माण, जल निकासी व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए पाइप लगाने सहित विभिन्न विकास कार्यों को करने के लिए विधायक महेश टेंगिनकाई और सांसद प्रल्हाद जोशी को पहले ही छह करोड़ रुपए मंजूर करने की मांग को लेकर प्रस्ताव सौंपा गया है। नवंबर या दिसंबर में अनुदान मिलने की उम्मीद है। पैसा आते ही विकास कार्य कराए जाएंगे। हनुमंत नगर के निवासियों ने वैध-अवैध (अक्रम-सक्रम) के तहत घर बनाए हैं और हाल ही के वर्षों से नगर निगम को कर का भुगतान कर रहे हैं। 3 अक्टूबर को हनुमंत नगर में ही टैक्स भुगतान की सुविधा दी गई थी। अगर इसे आधिकारिक तौर पर स्लम घोषित कर दिया जाए तो निवासियों को अधिक सुविधाएं उपलब्ध होंगीं।
–वीणा भरद्वाड, पार्षद, वार्ड संख्या 49, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम