मंत्री ईश्वर खंड्रे ने तत्काल राहत के दिए निर्देश
बीदर. बीदर जिला प्रभारी मंत्री ईश्वर बी. खंड्रे ने जिला प्रशासन को पिछले 2-3 दिनों से हो रही भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों को तेज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने जिन इलाकों में सडक़ और बिजली कनेक्शन बाधित हुए हैं, उन्हें आज शाम तक बहाल करने तथा प्रभावित लोगों को तुरंत राहत सामग्री वितरित करने का आदेश दिया।
बेंगलूरु से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित आपात बैठक में मंत्री ने जिलाधिकारी, जिला पंचायत के सीईओ, तहसीलदार और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से बारिश से हुए नुकसान और राहत कार्यों की जानकारी ली।
मंत्री ने निर्देश दिए कि बारिश और बाढ़ से हुई पशुधन हानि व मकानों को हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार किया जाए। जिन घरों में पानी घुसकर खाद्यान्न, कपड़े, बर्तन आदि को नुकसान हुआ है, उन्हें 5,000 रुपए का तत्काल मुआवजा देना चाहिए।
मकानों की क्षति का आकलन करने के लिए इंजीनियर तुरंत भेजकर 48 घंटे में रिपोर्ट प्राप्त करनी चाहिए। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ नियमों के अनुसार मुआवजा बिना विलंब के प्रदान करनी चाहिए। कृषि, बागवानी और रेशम की फसलों के नुकसान का व्यापक सर्वे कर रिपोर्ट सरकार को भेजनी चाहिए। जिन गांवों का सडक़ संपर्क टूटा है या पुल बह गए हैं, वहां त्वरित मरम्मत कर यातायात बहाल करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि घटिया निर्माण कार्य से यदि सडक़ें या पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं तो उसकी भी जांच कर रिपोर्ट सौंपनी चाहिए।
आंगनवाड़ी, सरकारी स्कूलों और कॉलेजों की जर्जर इमारतों के संबंध में मंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि छत टपक रही हो या भवन असुरक्षित हो तो छात्रों का तत्काल स्थानांतरण करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि आपदा की स्थिति में संबंधित शिक्षा अधिकारी उत्तरदायी होंगे।
मंत्री ने औराद और कमलनगर तालुकों में बह गए पुलों के चलते जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि अस्थायी बैरियर लगाकर लोगों को जोखिम भरे रास्तों से गुजरने से रोकना चाहिए। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने को कहा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों की जर्जर इमारतों में तुरंत आवश्यक मरम्मत कर मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मंत्री ने महाराष्ट्र से मांजरा नदी में छोड़े गए पानी को देखते हुए निचले इलाकों के लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए स्थायी समाधान व पुनर्वास के लिए सरकारी भूमि पर नए आवासीय क्षेत्र विकसित करने का प्रस्ताव तैयार करने को कहा। सभी ग्राम पंचायत पीडीओ को वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में रहकर राहत कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही यदि किसी झील का किनारा टूटे तो तुरंत विशेषज्ञों को भेजकर मरम्मत कराने को कहा।
बैठक में जिलाधिकारी शिल्पा शर्मा, जिला पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. गिरीश बडोले, जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुंटी, जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. निरगुडे और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
