जिला अस्पताल परिसर में महिला एवं बाल विभाग और आपातकालीन उपचार केंद्र
मई 2023 को ही पूरा हुआ कार्य
दावणगेरे. जिला अस्पताल परिसर में महिला एवं बाल विभाग और आपातकालीन उपचार केंद्र के नए भवन का निर्माण कार्य पूरा हुए कई महीने बीत चुके हैं, परन्तु उद्घाटन अभी तक नहीं हुआ है।
राष्ट्रीय आरोग्य अभियान के तहत 35 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से महिला एवं बाल विभाग भवन का निर्माण कार्य 2021 में शुरू किया गया था।
काम पूरा हुए छह माह बीत गए हैं। स्मार्ट सिटी योजना के तहत 13 करोड़ रुपए की लागत से आपातकालीन उपचार केंद्र की नई इमारत के निर्माण के लिए जून 2021 में तत्कालीन जिला प्रभारी मंत्री बैरती बसवराज ने भूमि पूजन किया था। भवन का काम मई 2023 तक पूरा हो होने के बाद भी यह सार्वजनिक सेवा के लिए उपलब्ध नहीं हुआ है।
उद्घाटन की तारीख अभी तक तय नहीं
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने पिछले जुलाई में जिला अस्पताल के अपने दौरे के दौरान कहा था कि महिला एवं बाल अस्पताल और आपातकालीन उपचार केंद्र की नई इमारत का उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा। उन्हें आकर गए तीन महीने हो गए हैं, परन्तु इमारतों के उद्घाटन की तारीख अभी तक तय नहीं हुई है।
गुणवत्तापूर्ण इलाज कराने में सुविधा होगी
गरीब मरीजों का कहना है कि महिला एवं बाल चिकित्सालय का पुराना भवन 60 वर्ष से अधिक पुराना एवं जर्जर हुआ है। बारिश होने पर यह हर जगह रिसाव होता है। बाल चिकित्सा के लिए एनआईसीयू और पीआईसीयू इकाइयां अलग-अलग दिशा में स्थित हैं। हमने नई इमारत में महिलाओं और बच्चों के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करने की मांग की है। नए अस्पताल का उद्घाटन शीघ्र हो जाए तो उन्हें गुणवत्तापूर्ण इलाज कराने में सुविधा होगी।
उद्घाटन की तारीख तय करनी चाहिए
सामाजिक कार्यकर्ता एम. करिबसप्पा का कहना है कि जिला अस्पताल गरीबों का आधार है। यहां सिर्फ दावणगेरे से ही नहीं बल्कि हावेरी, हरपनहल्ली, चित्रदुर्ग, शिवमोग्गा आदि से भी मरीज आते हैं। महिला एवं बाल अस्पताल में एक माह में अनुमानत: 500 से अधिक प्रसव होते हैं। प्रतिदिन महिलाओं और बच्चों सहित 300 से अधिक लोगों का बाह्य रोगी के तौर पर इलाज किया जाता है। इन सभी को अच्छा इलाज मुहैया कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है। जन प्रतिनिधियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जल्द से जल्द नए भवनों के उद्घाटन की तारीख तय करनी चाहिए।
3 मंजिला अत्याधुनिक विभाग
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमबी नागेंद्रप्पा ने बताया कि महिला एवं बाल विभाग का नया भवन तीन मंजिल पर बना है और इसमें कुल 330 बिस्तर हैं। बच्चों के लिए 100 से अधिक बिस्तर आरक्षित हैं। भूतल पर महिला बाह्य रोगी विभाग, आपातकालीन कक्ष, प्रसव कक्ष, गहन देखभाल इकाई और शल्य चिकित्सा कक्ष हैं। पहली मंजिल पर महिला वार्ड हैं। तीसरी मंजिल पर बच्चों का इलाज किया जाएगा। पुरानी इमारत में एनआईसीयू (नवजात गहन देखभाल इकाई) में 30 बिस्तर थे। नए भवन में 60 बेड उपलब्ध होंगे। कंगारू मदर केयर (शिशु-वार्मिंग प्रक्रिया) और जच्चाओं को शिशु को स्तनपान कराने के प्रशिक्षण और नवजात शिशुओं में बहरेपन का पता लगाने के लिए अलग कमरे उपलब्ध कराए गए हैं। बाल गहन चिकित्सा इकाई, जनरल वार्ड, प्रयोगशाला, फार्मेसी, स्कैनिंग सुविधाएं एक ही छत के नीचे प्रदान की गई हैं। यहां तीन सुसज्जित शल्यचिकित्सा कमरे हैं, जिनमें से दो अत्याधुनिक हैं। ऑपरेशन कक्ष 40-40 लाख रुपए की लागत से बनाए गए हैं, छत व दीवारें स्टील से बनी हैं।
50 बिस्तर क्षमता का केंद्र
नए आपातकालीन केंद्र की क्षमता 50 बिस्तरों की है। भूतल पर एक डिस्पेंसरी और एक हॉल बनाया गया है। भूतल पर एक उपचार कक्ष, एक प्रयोगशाला निगरानी इकाई और एक ऑपरेटिंग कक्ष है। प्रथम तल पर गहन चिकित्सा इकाई एवं वार्ड बनाए गए हैं। एक्स-रे सीटी स्कैन अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग उपलब्ध होगी।
जल्द ही उद्घाटन की तारीख तय करेंगे
जिला प्रभारी मंत्री एसएस मल्लिकार्जुन जल्द ही बेंगलूरु जाकर स्वास्थ्य मंत्री से चर्चा कर अस्पताल की नई इमारतों के उद्घाटन की तारीख तय करेंगे।
–डॉ. एमबी नागेंद्रप्पा, अधीक्षक, चिगटेरी जिला अस्पताल, दावणगेरे
पाइपलाइन लगाने का काम चल रहा
आपातकालीन उपचार केंद्र निर्माण स्थल और डिजाइन में भ्रम के कारण निर्माण में देरी हुई। फिलहाल मेडिकल उपकरण और गैस सप्लाई पाइपलाइन लगाने का काम चल रहा है।
–हेमंत केजीडी, सहायक अभियंता, स्मार्ट सिटी