हुब्बल्ली. जमीन देने वाले किसानों को मुआवजा देने में देरी करने पर हानगल अदालत के आदेश पर लघु सिंचाई विभाग की संपत्ति मंगलवार को जब्त की गई।
धारवाड़ लघु सिंचाई विभाग ने वर्ष 2002 में हावेरी जिले के शिग्गांव तालुक के बत्तिकेरे से बेलगालपेट झील तक पूरक नहर के निर्माण के लिए 10-15 किसानों से 20-25 एकड़ कृषि भूमि का अधिग्रहण किया था।
उस समय विभाग की ओर से किसानों को दिया गया मुआवजा कम था, इसलिए किसान अधिक मुआवजे की मांग को लेकर अदालत चले गए थे। इसके चलते न्यायालय ने 2017 में प्रति गुंटा भूमि के लिए 10,000 रुपए का अतिरिक्त मुआवजा देने का भी आदेश दिया था।
इस आदेश के बावजूद विभाग के अधिकारियों ने किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने में देरी बरती। इस रवैये से तंग आकर कमलव्वा तलवार और शिवप्पा बेनकप्पनवर ने हानगल अदालत से जब्ती आदेश प्राप्त कर लघु सिंचाई विभाग का सामान जब्त कर लिया है। कार्यालय के सभी सामान जब्त कर लिए जाने के कारण कार्यालय के कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर जाते देखा गया। हानगल अदालत के आदेश के अनुसार लघु सिंचाई विभाग के कंप्यूटर, प्रिंटर, अलमारी और कुर्सियां जब्त कर ली गई हैं और उन सभी वस्तुओं को हानगल अदालत ले जाया गया है।
किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील एमएन क्यालकोंड़ ने कहा कि येलवट्टी गांव की निवासी कमलव्वा ने तलवार नहर के निर्माण के लिए 10 गुंटा जमीन दी थी। उन्हें ढाई लाख रुपए मुआवजा मिलना है। शिवप्पा बेनकप्पवर ने 18 गुंटा जमीन दी थी और उन्हें साढ़े तीन लाख रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए।