महाराष्ट्र का बीमा मामला
बेलगावी. महाराष्ट्र सरकार की महात्मा ज्योति राव फुले सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने वालों के खिलाफ देशद्रोह कानून के तहत कार्रवाई करने और इस योजना पर रोक लगाने की मांग को लेकर जिला कन्नड़ संगठनों की एक्शन कमेटी के पदाधिकारियों ने गुरुवार को जिलाधिकारी नितेश पाटिल को ज्ञापन सौंपा। समिति के अध्यक्ष अशोक चंदरगी ने कहा कि यह बीमा योजना सीमा विवाद वाले चार जिलों के 865 गांवों और कस्बों के लिए तैयार की गई है। बेलगावी शहर में एक हेल्पलाइन और चार सेवा केंद्र शुरू किए गए हैं। एक राज्य की अनुमति के बिना अपनी योजना दूसरे राज्य में लागू करना यह संघीय व्यवस्था के विरुद्ध है। जिला प्रशासन को इस पर रोक लगानी चाहिए। राज्य विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने वालों के खिलाफ राजद्रोह कानून के तहत कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाषा के आधार पर सीमावर्ती मराठी लोगों को आकर्षित करने के लिए यह रणनीति अपनाई गई। महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद मामले में इस योजना के आंकड़ों का उपयोग करने की योजना बनाई है। कर्नाटक में मौजूद मराठे उनका समर्थन करते हैं कहकर अदालत को गुमराह करने की संभावना है।
अस्पतालों, सेवा केन्द्रों को नोटिस देंगे
जिलाधिकारी नितेश पाटिल ने कहा कि हम महात्मा ज्योति राव फुले जन स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत आवेदन प्राप्त करने वाले सभी चार सेवा केंद्रों को नोटिस देंगे। हम जांच करेंगे कि वे केपीएमई अधिनियम के तहत खोले गए हैं या नहीं। दूसरे राज्य की योजना यहां कैसे लागू की है इस बारे में हम बेलगावी के दोनों अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे।