रायचूर. उप-लोकायुक्त न्यायाधीश बी. वीरप्पा ने शनिवार को लगातार तीसरे दिन रायचूर जिले में बिजली संचालन अभियान चलाया।
इस दौरान उन्होंने रायचूर के बाहरी क्षेत्र स्थित वेंकटेश्वर मिनरल्स स्टोन क्रशर (एम-सैंड), ओम शक्ति कंपनी और अन्य खनन क्षेत्रों का दौरा किया। निरीक्षण में पाया गया कि कंपनियों ने खनन के बाद गड्ढों को यथावत छोड़ दिया है, न तो उन्हें समतल किया गया और न ही वृक्षारोपण किया गया।
स्वत: संज्ञान में मामला दर्ज
पत्थर खनन से प्रभावित पूरे क्षेत्र का दौरा करने के बाद उप-लोकायुक्त ने स्वत: संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया। उन्होंने खान विभाग के कार्यों पर गहरा असंतोष व्यक्त किया और संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी।
निर्देश और चेतावनी
उप-लोकायुक्त ने खनन अधिकारियों को आदेश दिया कि बफर जोन का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को तुरंत नोटिस जारी कर जुर्माना लगाना चाहिए।
उप-लोकायुक्त ने कहा कि जिले में किसी भी प्रकार का अवैध खनन बर्दाश्त नहीं होगा। खदान मालिकों को पट्टे की शर्तों के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। सभी श्रमिकों और मालिकों के लिए बीमा करवाना आवश्यक है। खदान बंद करने की योजना का पालन कर गड्ढों को समतल कर वृक्षारोपण करना चाहिए।
परिवहन विभाग को आदेश
उप-लोकायुक्त ने परिवहन अधिकारी को निर्देश दिया कि खनन से जुड़े वाहनों की सख्त निगरानी करनी चाहिए।
न्यायाधीश वीरप्पा ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के बाद, यदि किसी विभागीय अधिकारी की लापरवाही या मिलीभगत सामने आती है तो कानून के अनुसार उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
इस निरीक्षण के दौरान बेंगलूरु उप-लोकायुक्त कार्यालय, रायचूर न्यायिक विभाग और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
