केंद्र सरकार पर 28 फरवरी तक कुल 471 करोड़ रुपए बकाया
मुसीबत में हैं मनरेगा निर्भर मजदूर
हुब्बल्ली. राज्य में सूखा को प्रकोप बड़ रहा है, खेतिहर मजदूरों के पास काम नहीं है। इसी बीच मजदूरों की मदद करने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की मजदूरी का पैसा तीन महीने से नहीं दिया गया है, जिससे मजदूर और मुसीबत में आ गए हैं।
पिछले साल 27 नवंबर से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है परन्तु हर जगह काम मात्र जोर-शोर से हुआ है। 28 फरवरी तक राज्य का कुल 471 करोड़ रुपए मजदूरी का बकाया केंद्र सरकार से मिलना है।

मजदूरी का इंतजार कर रहे हैं मजदूर
राज्य में सूखे के कारण कृषि कार्य ठप हो गया है और कई मजदूरों ने मनरेगा कार्य का सहारा लिया है। प्रति मानव दिवस सृजिन के लिए 316 मजदूरी का भुगतान करना है। 30 नवंबर 2023 से 27 फरवरी 2024 तक काम करने वाले मजदूरों को राज्य भर में 471.78 करोड़ रुपए भुगतान करना बाकी है परन्तु अनुदान कब जारी होगा उन्हें मजदूरी कब दी जाएगी इसी का मजदूर इंतजार कर रहे हैं।

150 दिन करने पर ध्यान नहीं दिया
मजदूरों का कहना है कि राज्य में सूखा घोषित हुए कई महीने बीत चुके हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री प्रियांक खरगे से लेकर सभी ने केंद्र सरकार से मनरेगा कार्य को 100 से बढ़ाकर 150 दिन करने की मांग की थी परन्तु केंद्र सरकार ने मात्र इस पर ध्यान नहीं दिया है। फिलहाल उन्हें उनके किए गए काम की मजदूरी मिल जाए तो सूखे में भी कुछ राहत मिलेगी।

पलायन ही एकमात्र रास्ता है!
मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे चिंचोली के मजदूर चंद्रप्पा एस. का कहना है कि तीन महीने में दो महीने काम किया है परन्तु मजदूरी नहीं मिली है। पहले ही सूखे के कारण काम नहीं होने से बेकार बैठे हैं। अब मनरेगा की मजदूरी भी नहीं मिली तो हमारे सामने गांव छोडऩा ही एक मात्र विकल्प रह गया है।

शीघ्र मजदूरी जारी करे
तीन माह से मनरेगा मजदूरी नहीं मिलने से मजदूरों को और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। केंद्र सरकार को कर्नाटक के प्रति अपना सौतेला रवैया बंद करना चाहिए। तीन माह की मजदूरी शीघ्र जारी करना चाहिए।
शरणबसप्पा ममशेट्टी, श्रमिक नेता

अनुदान मिलते ही मजदूरी का भुगतान
तीन माह से मनरेगा की मजदूरी नहीं आई है। अगामी एकाध दिनों में वरिष्ठों के साथ वीडियो काफे्रंसिंग में इस ओर ध्यान आकर्षित किया जाएगा। अनुदान मिलते ही मजदूरी का भुगतान किया जाएगा।
-भंवर सिंह मीना, सीईओ, जिला पंचायत, कलबुर्गी

जिलेवार वेतन बकाया (करोड़ रुपए में)
जिला — बकाया
बागलकोट — 12.35
बल्लारी — 02.13
बेलगावी — 49.28
बेंगलूरु ग्रामीण — 06.80
बेंगलूरु — 0.32
बीदर — 22.02
चामराजनगर — 13.51
चिक्कबल्लापुर — 11.72
चिक्कमगलूर — 10.96
चित्रदुर्ग — 33.88
दक्षिण कन्नड़ — 08.59
दावणगेरे — 11.49
धारवाड़ — 07.92
गदग — 08.38
हासन — 12.69
हावेरी — 15.61
कलबुर्गी — 15.51
कोडगु — 01.88
कोलार — 16.02
कोप्पल — 24.64
मंड्या — 13.77
मैसूर — 11.36
रायचूर — 21.99
रामनगर — 17.89
शिवमोग्गा — 12.16
तुमकूर — 37.48
उडुपी — 03.93
उत्तर कन्नड़ — 03.94
विजयनगर — 18.32
विजयपुर — 16.77
यादगिरी — 28.32

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