आंख मूंदे बैठा लोक निर्माण विभाग
विजयपुर. विजयपुर और कलबुर्गी जिलों को जोडऩे वाला तथा कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा का अहम संपर्क देवणगांव पुल अब जर्जर हालत में है और कभी भी ढह सकता है। खतरनाक स्थिति के बावजूद लोक निर्माण विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
यह पुल औरंगाबाद-सदाशिवगढ़ राज्य राजमार्ग 34 पर स्थित है, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग में अपग्रेड करने की मांग वर्षों से चल रही है। तीन साल से मरम्मत न होने के कारण पुल की सतह पर बरसाती पानी जमा हो रहा है, बड़े गड्ढे बन गए हैं और डामर पूरी तरह उखड़ गया है। रोजाना 2,000-5,000 वाहन यहां से गुजरते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। गड्ढों के कारण कई हादसे हो चुके हैं।
स्थानीय लोगों ने पिछले साल सडक़ जाम कर विरोध किया था, परन्तु अधिकारियों ने आश्वासन के बाद भी काम शुरू नहीं किया। पुल के दोनों किनारों पर झाडिय़ां और पेड़ उग आए हैं, जो नींव को कमजोर कर रहे हैं।
यह पुल 1960 से 63 के बीच पत्थर के खंभों और मेहराबों से बना था। 2002 में ऊपरी सतह की मरम्मत हुई थी, परन्तु अब वही हिस्सा फिर से टूट रहा है और नींव हिलने की आशंका है।
पुल की रक्षा को आगे आए ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि 65 साल पुराने इस ऐतिहासिक पुल को बचाने के लिए देवणगांव और आसपास के गांवों के युवा आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, ताकि विजयपुर और कलबुर्गी के बीच की यह अहम कड़ी टूटने से पहले इसे सुरक्षित किया जा सके। अब तक हम अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के पुल की मरम्मत करने का इंतजार करते रहे, परन्तु अगर यूं ही हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो पुल नष्ट हो जाएगा। इस क्षेत्र के लोगों के लिए आवागमन बाधित होने का समय दूर नहीं है। इसलिए, दो जिलों को जोडऩे वाली इस कड़ी के टूटने से पहले, आसपास के गांव — आलमेल, देवणगांव, बोम्मनहल्ली, कुमसगी, देवर नादवदगी, कडलेवाड, शंबेवाड, ब्याडगिहाल, कुरुबतहल्ली, अफजलपुर, सोन्न, बलुंडगी, शिरवाल, गौर, अल्लगी, करजगी, माश्याल आदि के कई ग्रामीण पुल की रक्षा के लिए आगे आए हैं।