धर्मस्थल प्रकरण : षड्यंत्र पर वीरेंद्र हेगड़े का स्पष्टीकरणधर्मस्थल के धर्माधिकारी डॉ. वीरेंद्र हेग्गड़े।

एसआईटी ने गुमनाम मुखबिर को किया गिरफ्तार

हिंदुओं से हेग्गड़े की विशेष अपील

हुब्बल्ली. धर्मस्थल में शव दफन और अस्थि प्रकरण को लेकर घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले में एक गुमनाम मुखबिर को गिरफ्तार किया है। इस बीच, धर्मस्थल के धर्माधिकारी डॉ. वीरेंद्र हेग्गड़े ने षड्यंत्र के पीछे के कारण स्पष्ट किए।

शहर में हेग्गड़े ने कहा कि यह श्रीक्षेत्र धर्मस्थल के खिलाफ चल रहा एक सुनियोजित षड्यंत्र है, जिसे मैंने पहले ही कहा था। पहले मैंने सीबीआई जांच की मांग की थी और अब भी एसआईटी जांच का स्वागत करता हूं।

उन्होंने कहा कि धर्मस्थल और हिंदू धर्म की परंपराओं पर लगातार अपप्रचार और बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं। इन आरोपों के पीछे कोई सबूत या आधार नहीं है। यह एक संगठित साजिश है, जिससे श्रीक्षेत्र और मेरे परिवार की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अनाम व्यक्ति ने दावा किया था कि 13 जगह शव दफन हैं। जांच में 17 स्थानों की खुदाई की गई, परन्तु कुछ नहीं मिला। यह हमारे धर्म को कमजोर करने का प्रयास है। हिंदुओं को अब जागरूक होने की आवश्यकता है।
एसआईटी ने इस मामले में चिन्नय्या नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने झूठा दावा किया था कि उसने सैकड़ों शव दफनाए हैं। उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में लिया गया है।

राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है। भाजपा नेता बी.एल. संतोष की टिप्पणी पर महेश शेट्टी तिमरोडी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसके चलते उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया। वहीं, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि हम न धर्मस्थल के पक्ष में हैं, न विपक्ष में—हम न्याय के पक्ष में हैं। धर्म के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

शिवकुमार ने कहा कि धर्मस्थल परिवार खुद मुख्यमंत्री से मिले और एसआईटी गठन का स्वागत किया। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि दोषी चाहे कोई भी हो, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस प्रकार, धर्मस्थल प्रकरण अब धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।

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