हुब्बल्ली साइबर अपराध थाने में तीन मामले दर्ज
1.84 करोड़ रुपए का लगाया चूना
हुब्बल्ली. जैसे-जैसे तकनीकी नवाचार बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे साइबर धोखेबाजों की योजनाएं और विचार भी बढ़ते जा रहे हैं। ओटीपी भेजने, लिंक, मनी ट्रांसफर, बाजार में पैसा निवेश के बहाने ऑनलाइन चोर अब डिजिटल अरेस्ट के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी कर रहे हैं।
हुब्बल्ली के साइबर अपराध पुलिस थाने में एक सप्ताह में डिजिटल अरेस्ट से जुड़े तीन मामले दर्ज किए गए हैं और कुल 1.84 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं।
अश्लील वीडियो और विज्ञापन दिखाने का मामला दर्ज किया गया है’ कहकर मुंबई पुलिस के नाम पर धारवाड़ के सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी गणपति को फोन कर धमका कर 95.50 लाख रुपए ट्रांसफर करवाकर ठगा है। इसी प्रकार सीमा शुल्क अधिकारी के नाम पर हुब्बल्ली के धवन को फोन कर तुम्हारे पते पर फर्जी पासपोर्ट, एटीएम कार्ड और ड्रग्स पार्सल आया है कहकर धमकी देकर 7.49 लाख रुपए और अक्षय को अपराध शाखा के डीसीपी के नाम पर फोन करके ताइवान से एक पार्सल आया है और उसमें अवैध सामान है कहकर धमकी देकर 81.06 लाख रुपए ट्रांसफर करवाकर ठगा है।
साइबर अपराध थाने के निरीक्षक बीके पाटिल का कहना है कि डिजिटल अरेस्ट के नाम पर जालसाज स्काइप और व्हाट्सएप वीडियो के जरिए धमकी भरे कॉल करते हैं। एआई तकनीक का उपयोग कर पुलिस थाना, सीबीआई कार्यालय जैसा पेशेवर माहौल बनाकर अधिकारियों के नाम पर वीडियो कॉल करते हैं। सोशल मीडिया और डार्क वेब के जरिए वे किसी व्यक्ति का आधार कार्ड, फोटो हासिल कर फर्जी दस्तावेज बनाते हैं और केस दर्ज होने के दस्तावेज दिखाते हैं। कुछ समय बाद, एक अन्य व्यक्ति कॉल करके मामले से बरी कराने का विश्वास दिलाकर पैसे ट्रांसफर कर लेता है।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहने वाले और विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर अकाउंट रखने वालों को ही निशाना बनाने वाले ये जालसाज उनकी पूरी जानकारी हासिल कर उन पर कड़ी नजर रखते हैं। वे डार्क वेब के माध्यम से उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खातों की जानकारी और लेनदेन एकत्र कर, उन्हें धोखा देते हैं। बेंगलूरु में डिजिटल गिरफ्तारी के नाम पर एक ही दिन में धमकी देकर 80 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी की है।
