मौलाना रिजवी ने कहा
इलकल (बागलकोट). मौलाना रिजवी ने कहा कि उमरा और हज हलाल की कमाई से करनी चाहिए हराम की कमीई से नहीं।
वे शहर के विनायकनगर समुदाय भवन में अल्पसंख्यक बागवान जमात के छठे वार्षिकोत्सव और उमरा की यात्रा कर लौटे यात्रियों एवं साधकों का सम्मान कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस्लाम में हलाल कमाई, नशा मुक्ति, दूसरों का आदर सम्मान करने की सीख दी गई है। इस्लाम में ब्याज लेना और ब्याज देना दोनों हराम है। एक अल्लाह की इबादत करना, दिन में पांच वक्त की नमाज पढऩा, रमजान के रोजे रखना, धनवान हैं तो जकात देना और हज करना फर्ज है।
बागवान जमात अध्यक्ष मौलासाब बागवान की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में नगर योजना प्राधिकरण के सदस्य शब्बीर बागवान ने उमरा की यात्रा कर लौटे यात्रियों एवं साधको को सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान समाज की गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। सचिव अय्यूब बागवान ने कार्यक्रम का संचालन किया।
