अन्य जिलों के स्कूलों के लिए बना आदर्श
हावेरी. शिगगांव तालुक का इब्राहिमपुर सरकारी स्कूल छात्रों और शिक्षकों के लिए पसंदीदा सुसज्जित स्थान बन गया है। सरकारी स्कूलों में सुविधाओं का अभाव है कहने वालों के बीच इब्राहिमपुर स्थित सरकारी उच्च प्राथमिक कन्नड़ स्कूल हाईटेक स्पर्श के साथ मॉडल स्कूल के रूप में उभरी है।
स्कूल में पहली से सातवीं कक्षा तक 117 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। 6 शिक्षक कार्यरत हैं। कुछ वर्ष पहले स्कूल कई सुविधाओं से वंचित थी। अपने बच्चों की शिक्षा पर जोर देने वाले ग्रामीण, स्कूल के विकास के लिए प्रतिबद्ध थे। उनकी इच्छा के अनुरूप आज विद्यालय ने सार्थक स्वरूप ग्रहण कर लिया है।
अन्य जिलों के स्कूलों के लिए आदर्श
इब्राहिमपुर स्कूल न केवल हावेरी जिले में बल्कि अन्य जिलों के स्कूलों के लिए भी एक आदर्श है। स्कूल का वातावरण न केवल बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ा रहा है, बल्कि उन्हें पाठ्येतर गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रेरित कर रहा है।
दीवार पर बनाए रंग-बिरंगे चित्र
स्कूल के प्रवेश द्वार पर कम्पाउंड बनाया गया है और उसी दीवार पर रंग-बिरंगे चित्र बनाए गए हैं। दीवारों पर लगे चित्रों में शिशुनाल के गोविंदभट्ट और शरीफ की गुरु-शिष्य परंपरा, वृक्षों की सुरक्षा और किसानों के जीवन को दर्शाया गया है। स्कूल के पास से गुजरने वाले एक बार रुककर चित्रों को देखकर ही जाते हैं, इतने सुंदर हैं।
पर्यावरण के प्रति जागरूकता
स्कूल के प्रवेश द्वार पर एक भव्य गेट बनाया गया है, जिस पर नारा लिखा है शिक्षणवे शक्ति (शिक्षा ही शक्ति है); अरिवेय गुरु (ज्ञान ही गुरु) वाक्य लिखा गया है। स्कूल में पहला कदम रखते ही विभिन्न लेख स्वागत करते हैं। इसके अलावा, स्कूल परिसर में उद्यान भी है। नारियल और सुपारी सहित विभिन्न औषधीय पौधों उगाए गए हैं। प्रत्येक पौधे का नाम नदियों और महान हस्तियों के नाम पर रखा गया है। छात्रों को पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थी पौधों की देखभाल करके पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ा रहे हैं।
महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित की हैं
स्कूल परिसर में सरस्वती देवी, स्वामी विवेकानंद, डॉ. बीआर अम्बेडकर और महात्मा गांधी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। सावित्रीबाई फुले, विश्वगुरु बसवन्ना, सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और वल्लभभाई पटेल की तस्वीरें दीवारों पर सजी हैं। विधानसौधा, उच्च न्यायालय, ताजमहल, लाल किला, महल, इंडिया गेट, हम्पी का पत्थर का रथ और पौराणिक कहानियों सहित विभिन्न छवियां भी दर्शनीय हैं। बच्चे ये सब देखकर बड़े हो रहे हैं। स्कूल परिसर में एक प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर है और बच्चे स्कूल में प्रवेश करने से पहले प्रतिदिन भगवान को प्रणाम करते हैं।
प्रोजेक्टर की मदद पढ़ाई
विद्यार्थियों की सुविधा के लिए हाईटेक शौचालय का निर्माण कराया गया है। स्वच्छ पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। स्कूल के बाहर और अंदर की 24 घंटे की फुटेज कैद करने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रोजेक्टर की मदद से बच्चों को दृश्य पाठ दिखाए जा रहे हैं।
कड़ी मेहनत कर रहे हैं
दानदाताओं की मदद और ग्रामीणों के सहयोग से हमारा स्कूल एक आदर्श स्कूल बन गया है। छात्रों की पढ़ाई पर भी जोर दिया गया है और हम परिणाम सुधारने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
-एमएच मोमिन, प्रधानाध्यापक
स्कूल के विकास पर जोर दिया है
इब्राहिमपुर गांव का सरकारी स्कूल अन्य स्कूलों के लिए एक आदर्श है। स्कूल को गोद लेने वाले दानदाता शशिधर होण्णनवर ने छात्रों के लिए एक अच्छा शिक्षण वातावरण बनाया है। इब्राहिमपुर में गरीबों की संख्या अधिक है। हमने स्कूल के विकास पर जोर दिया है ताकि उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
–विजय महांतेश दानम्मनवर, जिलाधिकारी, हावेरी