ट्यूबवेल में कम हुआ पानी
समस्या और गंभीर होने की आशंका
72 गांवों में ट्यूबवेलों से पानी की आपूर्ति
बेलगावी. इस बार कम बारिश के कारण मलप्रभा नदी सूख गई है। भूजल स्तर नीचे चला गया है और ट्यूबवेल में पानी कम हो गया है। इसके चलते रामदुर्ग तालुक के कुछ हिस्सों में पहले से ही पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। अप्रेल के आखिरी सप्ताह तक समस्या और गंभीर होने की आशंका है।
बहु-ग्राम पेयजल योजना का स्रोत मलप्रभा पूरी तरह से सूख जाने के कारण परियोजना ठप हो गई है। इस योजना के अंतर्गत आने वाले कुल 72 गांवों में जगह-जगह ट्यूबवेलों से पानी की आपूर्ति की जा रही है। जिलाधिकारी ने अधिक समस्या वाले गांवों में टैंकरों से पानी पहुंचाने के लिए निविदाएं आमंत्रित कर समझौता किया है परन्तु भूजल और झील स्रोतों के सूखने के कारण टैंकर से पानी की आपूर्ति भी प्रभावित होने का खतरा मंडरा रहा है।
दो ट्यूबवेल खोदकर समस्या का समाधान
तालुक की बटकुर्की पंचायत के नागनूर में बागीचे के ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति करके समस्या का समाधान किया गया है। तालुक प्रशासन ने एहतियात के तौर पर बटकुर्की गांव में दो ट्यूबवेल खोदकर समस्या का समाधान किया गया है।
कस्बे में टैंकरों से पानी आपूर्ति करने का निर्णय नहीं लिया
अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल कुछ गांवों में तीन दिन में एक बार पानी की आपूर्ति की जा रही है। आने वाले दिनों में सालापुर पंचायत, चंदरगी पंचायत और टोंडीकट्टी पंचायत के गांवों में पानी की समस्या हो सकती है। वहां समस्या के समाधान के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। नगर क्षेत्र में नवीलुतीर्थ बांध से सीधे जलापूर्ति की व्यवस्था की गई है। एक दिन बाद एक दिन पानी छोड़े जाने से समस्या सता रही है। नगर पालिका ने अभी तक कस्बे में टैंकरों से पानी आपूर्ति करने का निर्णय नहीं लिया है।
ट्यूबवेल खुदवाने का दिया निर्देश
नविलुतीर्थ बांध में पानी के भंडारण के कारण अप्रेल के अंत तक पानी की कोई समस्या नहीं होगी। यदि आगे बारिश नहीं हुई तो जलापूर्ति के लिए तीन टैंकरों का उपयोग किया जाएगा। चार निजी ट्यूबवेल आरक्षित किए गए हैं और आवश्यकता पडऩे पर उनका भी उपयोग किया जाएगा। नदी किनारे के गांवों में भी पानी की समस्या पेश आने की संभावना बढ़ गई है और प्राथमिकता के आधार पर ट्यूबवेल खुदवाने के लिए टास्क फोर्स समिति ने तालुक प्रशासन को निर्देश दिया है।
–ईरन्ना गुडदारी, मुख्य अधिकारी, रामदुर्ग
आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं
फिलहाल तालुक में पेयजल की इतनी समस्या नहीं है। समस्याओं से जूझ रहे गांवों की पहचान कर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
–श्रीनिवास विश्वकर्मा, एईई, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति विभाग