परंपरागत चित्रकला का सौंदर्य उजागरधारवाड़ के जिलाधिकारी कार्यालय परिसर की दीवर पर चित्र बनाते छात्र।

सरकारी चित्रकला महाविद्यालय के छात्रों ने उकेरे चित्र

हुब्बल्ली. धारवाड़ शहर के सरकारी चित्रकला महाविद्यालय के छात्रों की कला-कुशलता से जिला अधिकारी कार्यालय और आवास परिसर की दीवारें एवं कंपाउंड रंग-बिरंगे चित्रों से सुसज्जित हो गई हैं।

पिछले तीन दिनों में 40 चित्रकला छात्र और 4 शिक्षक मिलकर इन कलाकृतियों को तैयार कर चुके हैं, जिससे दीवारों की सुंदरता और भी बढ़ गई है।

इन चित्रों में साहित्यकार द.रा. बेंद्रे, वी.कृ. गोकाक, गिरीश कर्नाड, संगीतज्ञ डॉ. गंगूबाई हानगल, भीमसेन जोशी, मल्लिकार्जुन मनसूर, बसवराज राजगुरु जैसे महान हस्तियों के चित्र बनाए गए हैं। साथ ही लोक कला, महाराष्ट्र की वर्ली पेंटिंग, स्थानीय स्मारक, वाद्ययंत्र, ग्रामीण परिवेश, पक्षी और वन्यजीवों की जीवनशैली जैसे विषय भी चित्रित किए गए हैं। सभी चित्र अक्रेलिक और अल्ट्रीमा रंगों से बनाए गए हैं।

महाविद्यालय के प्राचार्य बसवराज कुरियवर ने कहा कि साहित्य, संगीत, प्रकृति और कला से जुड़े चित्र बनाए गए हैं, जो कई वर्षों तक सुरक्षित रहेंगे और लोगों का ध्यान आकर्षित करेंगे।

इस अवसर पर प्रो. एस.के. पत्तार और शिवकुमार कंकनवाड़ी भी मौजूद थे।

स्थानीय विरासत की जानकारी

जिलाधिकारी दिव्य प्रभु ने कहा कि स्थानीय कला, साहित्य, संगीत और रंगमंच के साधकों को सरकारी कार्यालयों और भवनों में चित्रित करने से हमारी परंपरा और संस्कृति की उपलब्धियां याद रहती हैं। इन कलाकृतियों का उद्देश्य युवाओं को जिले की गौरवशाली उपलब्धियों से परिचित कराना है। रोजाना विभिन्न कारणों से जिलाधिकारी कार्यालय आने वाले लोग जब इन चित्रों को देखेंगे, तो उनके मन में जिले के इतिहास और महान हस्तियों की जानकारी पहुंचेगी।

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