पुलिस ने किसानों पर किया लाठीचार्ज
हुब्बल्ली. राज्य भर के अन्नदाता यूरिया की कमी से नाराज हैं और सडक़ों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे रात में भी खाद की दुकानों के सामने सो रहे हैं, परन्तु उन्हें खाद नहीं मिल रही है और धक्का मुक्की हो रही है।
राणेबेन्नूर तालुक के हरनगिरी में पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया है।
कुछ लोग इन सबका फायदा उठाकर कालाबाजारी में दोगुने दामों पर यूरिया बेच रहे हैं।
गदग जिले के लक्ष्मेश्वर तालुक के ग्रामीण इलाकों से किसान रात को ही पहुंचे और शहर की खाद की दुकान के सामने डेरा डाल दिया। सुबह कतार में हंगामा होगा यह सोचकर वे रात में ही आए और दुकान के सामने अपना ट्रैक्टर खड़ा कर दिया, उसे प्लास्टिक के तिरपाल से ढक दिया, मूसलाधार बारिश में सो गए और खाद लेने के लिए सुबह कतार में खड़े रहे।
प्रति व्यक्ति को एक बैग को लेकर आक्रोश
हावेरी जिले के राणेबेन्नूर तालुक के हरनगिरी गांव स्थित कृषि पत्तिन सहकारी समिति में किसानों और उर्वरक वितरकों के बीच झड़प हो गई और उर्वरक वितरण अस्थायी रूप से रोक दिया गया। आधी रात से कतार में खड़े सैकड़ों किसान प्रति व्यक्ति एक बैग यूरिया” नीति से नाराज हुए और समिति में घुस गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजीं और किसानों को तितर-बितर किया। इसके चलते अधिकारियों ने उर्वरक वितरण अस्थायी रूप से रोक दिया है।
पुलिस ने उचित व्यवस्था की थी
दावणगेरे जिले के जगलूर में किसानों ने सुबह 5 बजे कतार में खड़े होने के बाद भी उर्वरक न मिलने पर विरोध प्रदर्शन किया। विजयनगर जिले के कूडलिगी कस्बे में स्थित एसबीआई बैंक के पास सुबह-सुबह आए किसान उर्वरक के लिए दौड़ पड़े, जिससे धक्का-मुक्की होने से पुलिस ने उचित व्यवस्था की थी।
किसानों ने रात भर का धरना वापस लिया
दवणगेरे जिले के जगलूर कस्बे में यूरिया की मांग को लेकर तालुक कार्यालय के सामने दो दिनों से चल रहा रात भर का धरना अधिकारियों के समझाने पर किसानों ने वापस ले लिया है।
काला बाजारी में दोगुनी कीमत
दावणगेरे जिले के होन्नाली, बल्लारी जिले के सिरुगुप्पा और गदग जिले के गजेंद्रगढ़ में यूरिया उर्वरक कृत्रिम रूप से दोगुनी कीमत पर बेचे जाने के आरोप लगे हैं। 300 रुपए वाला यूरिया 450 से 600 रुपए में बेचा जा रहा है। अपने लोगों को उनकी जरूरत के हिसाब से उर्वरक वितरित करने का आरोप लगाकर सिरुगुप्पा के किसानों ने कृषि सहायक निदेशक मंजूनाथ रेड्डी को ज्ञापन सौंपा है। आरोप है कि गजेंद्रगढ़ समेत गदग ग्रामीण, मुलगुंद, लक्ष्मेश्वर और नरगुंद तालुकाओं में कृत्रिम कमी पैदा की जा रही है और इसे अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है।
ज्यादा दाम पर बेच रही
अगर यूरिया का अनुमान लगाकर पहले से आपूर्ति कर दी जाती, तो ऐसी समस्या न होती। निजी उर्वरक दुकानें यूरिया ज्यादा दाम पर बेच रही हैं, और अधिकारियों को हमारी समस्या का समाधान निकालने के लिए आगे आना चाहिए।
–मारप्पा, किसान, कुडलिगी