चित्रदुर्ग. शहर के एक निजी होटल के पास शुक्रवार देर रात मामूली बात को लेकर शहर पुलिस उपनिरीक्षक (पीएसआई) गादिलिंग गौडर और तुमकूर जिले के मधुगिरी भाजपा इकाई के अध्यक्ष हनुमंतेगौड़ा के बीच हाथापाई हुई।
हनुमंतेगौड़ा और उनके समर्थक देर रात तुरुवनूर रोड स्थित एक निजी होटल के पास एकत्र हुए थे। रात्रि गश्त पर निकले उपनिरीक्षक गाधिलिंग गौडर ने एकत्र खड़े लोगों से पूछताछ की। हनुमंतेगौड़ा ने बताया कि रात होटल में खाना खाने आए हैं। फिर, दोनों के बीच बहस हुई।
बहस इतनी बढ़ी की दोनों का धैर्य जवाब दे गया और वे एक दूसरे पर हमला किया। अपशब्दों से निंदा की है। इस लड़ाई का वीडियो सोशल मीडिया पर घूम रहा है। घटना के बाद गाधिलिंग गौडर की उंगलियों में चोटें आईं। गादिलिंग गौडर ने उसी रात शहर के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि “हनुमंतेगौड़ा ने ड्यूटी पर स्थित पुलिस अधिकारी पर हमला किया और वर्दी पकड़ कर घसीटा। शिकायत के आधार पर हनुमंतेगौड़ा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
अस्पताल में भर्ती
घायल उपनिरीक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसका इलाज चल रहा है। दूसरी ओर, हनुमंतेगौड़ा को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी ने खुद उन पर हमला किया। हनुमंतेगौड़ा को स्वास्थ्य खराब होने के कारण बेंगलूरु के नजी अस्पताल में रेफर किया गया है।
भाजपा नेताओं का आक्रोश
सांसद गोविंद कारजोल, विधान परिषद सदस्य के.एस. नवीन, नेता तिप्पारेड्डी व अन्य ने जिला अस्पताल जाकर हनुमंतेगौड़ा के स्वास्थ्य की जानकारी ली।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए गोविंद कारजोल ने कहा कि पीएसआई ने रात में होटल के पास खड़े लोगों पर अचानक हमला कर दिया। उन्होंने रिवाल्वर तान दी और गोली चलाने की कोशिश की। इस दौरान पीएसआई घायल हो सकता है। पीएसआई गादिलिंग गौडर ने राक्षसी प्रवृत्ति प्रदर्शित की है। घटना की जांच होनी चाहिए और तब तक पुलिस अधिकारी को निलंबित करना चाहिए। लोग उसके बुरे व्यवहार से डरते हैं। उसकी खाकी वर्दी को हमेशा के लिए हटाना चाहिए।
केएस. नवीन ने कहा कि गादिलिंग गौडर ने हनुमंतेगौड़ा की छाती और माथे पर लात मारी है। हमारा कार्यकर्ता उपद्रवी नहीं है, न ही चोर है। निर्दोष लोगों पर हमला करने वाली पुलिस को शर्म आनी चाहिए। उन्हें तत्काल निलंबित करना चाहिए।
भाजपा नेताओं ने जिला पुलिस अधीक्षक रंजीत कुमार बंडारू को अलग से ज्ञापन सौंपकर पुलिस अधिकारी को निलंबित करने की मांग की।