बीदर बहमनी किले में धूप और बारिश के कारण खराब हो चुके स्मारकों की मरम्मत में जुटे श्रमिक।

भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से स्मारकों का जीर्णोद्धार
बीदर. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का बीदर उपमंडलीय सर्कल बहमनी किले के अंदर एक-एक करके स्मारकों को नई चमक देने में जुटा हुआ है। बीदर किले के मध्य में हजार किले (हजार कमरों वाली जेल) का जीर्णोद्धार कार्य शुरू किया गया है और कुशल श्रमिक स्मारक को एक नया रूप दे रहे हैं।

मेहराब और गुंबद का जीर्णोद्धार कार्य प्रगति पर है, हजार किले में पहली रौनक आ रही है। पिछले साल भारी बारिश के कारण मेहराब और गुंबद क्षतिग्रस्त हो गए थे। दोबारा भारी बारिश होने पर और भी नुकसान हो सकता है, जानकर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग जाग और इसे सुरक्षित करने का काम शुरू किया है।

रंगीन महल का जीर्णोद्धार

बीदर में बहमनी किले का एक मुख्य आकर्षण रंगीन महल है। यह अपनी अनूठी वास्तुकला, नक्काशी के लिए जाना जाता है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह इमारत विभिन्न रंगों से बनाई गई है। बारिश से इसके शीर्ष भाग को नुकसान पहुंचा था। इसकी पहले से ही मरम्मत की गई थी। अब पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने इसके सामने के क्षेत्र का जीर्णोद्धार करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, जिलाधिकारी के घर के पास स्थित किले का बेसमेंट लेटराइट पत्थरों पर बना है, जो धूप और बारिश के कारण खराब हो गया है, योजना में इसकी मरम्मत भी शामिल है।

पर्यटन के लिए पूरक कदम उठाएं

स्मारक प्रेमी रमेश ने बताया कि यह स्वागत योग्य है कि बीदर किले में स्मारकों के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया है। एक दुर्लभ किला आने वाली पीढिय़ों को देखना चाहिए। इसी प्रकार किले में और अधिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना चाहिए। पर्यटन के लिए पूरक कदम उठाने चाहिए।

स्थानीय निवासी मोहम्मद गौस ने बताया कि बीदर बहमनी किले में धूप और बारिश के कारण खराब हो चुके स्मारकों को चरण दर चरण दुरुस्त किया जा रहा है। इससे हमें काफी अच्छा लग रहा है और खुशी हुई है।

स्मारकों का जीर्णोद्धार किया जाएगा
अब हजार किला विकसित किया जा रहा है। आगामी दिनों में रंगीन महल किले के तहखाने सहित अन्य स्मारकों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। हमारे पूर्वजों की ओर से छोड़ी गई समृद्ध कला विरासत को संरक्षित करने और अगली पीढ़ी को इससे परिचित कराने की जरूरत है। विभाग इस दिशा में विभाग काम कर रहा है।

-अनिरुद्ध देसाई, सहायक संरक्षण अधिकारी, उप-विभाग, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, बीदर सर्कल

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