40,000 रुपए स्थित कीमत गिरकर 7,000 रुपए हुई
हुब्बल्ली. चीनी हाइब्रिड लहसुन के बाजार में आने के कारण स्थानीय स्तर पर उगाए जाने वाले जवारी लहसुन की कीमत में गिरावट आने से किसान परेशान हैं।
कुंदगोल तालुक के गुडगेरी, गौडगेरी, हरलापुर, संकलीपुर और कलस सहित विभिन्न गांवों में लहसुन को रबी की फसल के तौर पर उगाया जाता है।
बुवाई के समय एक क्विंटल लहसुन की कीमत 40,000 रुपए थी जो अब गिरकर 6,000 से 7,000 रुपए हो गई है।
नवेश की गई पूंजी भी वापस नहीं मिल रही
गुडगेरी गांव के किसान गंगाधर गिरमल्ला ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मैंने डेढ़ एकड़ में लहसुन उगाया, बीज और उर्वरक पर 1.30 लाख रुपए खर्च किए हैं। अब कीमतें गिर गई हैं और निवेश की गई पूंजी भी वापस नहीं मिल रही है।
आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है
किसान विजयकुमार हाली ने कहा कि पिछले तीन-चार वर्षों से अत्यधिक वर्षा और सूखे के कारण किसान आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। अब लहसुन की फसल के लिए उचित कीमत नहीं मिल रही है। इससे किसानों को और अधिक आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
कीमत पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम
इस साल लहसुन की कीमत पिछले साल की तुलना में थोड़ी कम है। अच्छी गुणवत्ता वाले एक क्विंटल लहसुन की कीमत 12,000 से 18,000 रुपए तक है। खराब गुणवत्ता वाले लहसुन की कीमत कम होती है।
–विरुपाक्ष लमानी, अधिकारी, एपीएमसी