अनाथ पड़ी आरोपी की लाश
हुब्बल्ली. बिहार के रितेश कुमार (35) पर नशे की हालत में शहर के विजयनगर की पांच साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर, गला घोंटकर हत्या करने का आरोप है। पुलिस ने रितेश कुमार को हिरासत में लेने के बाद भी वह गांजा के नशे में था।
पुलिस ने उससे 2-3 घंटे तक पूछताछ की, फिर भी वे यह पता नहीं लगा सके कि वह कहां से है और उसने क्या किया है। उसने लडक़ी के साथ क्या किया है, कुछ भी नहीं बताया।
लडक़ी का बलात्कार
पुलिस ने बताया कि बिहार के रितेश कुमार ने बच्ची को अगवा कर उसे एक घर के शेड में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले पर सवाल उठ रहे हैं। उसने लडक़ी की पहनी हुई लेगिंग को अपनी पैंट में रख लिया था। वह एक विकृत आदमी की तरह व्यवहार किया है। बच्ची के चिल्लाने पर उसने गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई का पता चल सकेगा।
अनाथ पड़ी आरोपी की लाश
बच्ची की हत्या के आरोपी रितेश कुमार का शव केएमसीआरआई के मुर्दाघर में रखा हुआ है और यहां तक कि उसके परिवार या रिश्तेदार भी उसे देखने नहीं आए हैं। जब पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो उसने कोई जानकारी या संपर्क नंबर भी नहीं दिया। इसलिए पुलिस उसके रिश्तेदारों के बारे में जानकारी जुटा रही है। उसका पोस्टमार्टम जिला न्यायाधीश की उपस्थिति में किया जाएगा। पुलिस दो दिन तक परिजनों के आने का इंतजार करेगी। यदि उसके परिजनों के नहीं आने पर पुरानी हुब्बल्ली पुलिस शव को हुब्बल्ली-धारवाड़ नगर निगम को सौंप देगी। अंतत: वे ही अंतिम संस्कार करेंगे।
इस बीच, सोमवार सुबह तालुक मजिस्ट्रेट कलनगौड़ा पाटिल की मौजूदगी में केएमसीआरआई मुर्दाघर में लडक़ी का पोस्टमार्टम किया गया। बाद में, कुरुबा समुदाय के रीति-रिवाजों के अनुसार देवांगपेट के श्मशान में अंतिम संस्कार किया गया।
पीएसआई अन्नपूर्णा एमएससी स्नातक-स्वर्ण पदक विजेता
हत्यारे का एनकाउंटर करने वाली अशोकनगर थाने की महिला पीएसआई अन्नपूर्णा आर मुक्कन्नवर 2018 बैच की अधिकारी हैं। वे बेलगावी जिले के गोकाक तालुक के गुजनट्टी गांव से हैं। एक कृषक परिवार में जन्मी अन्नपूर्णा एमएससी स्नातक हैं। उन्होंने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था और अपनी मां की छत्रछाया में पली-बढ़ीं तथा पीएसआई बनीं। उन्होंने धारवाड़ कृषि विश्वविद्यालय से बीएससी और बेंगलूरु के जीकेवीके से एमएससी की डिग्री पूरी की। उन्होंने स्वर्ण पदक भी जीता है और किसी अन्य नौकरी की चिंता किए बिना पुलिस विभाग में शामिल हो गए हैं। उनकी सगाई भी हो चुकी है और कुछ महीनों में उनकी शादी भी हो जाएगी। अन्नपूर्णा ने हत्यारे का एनकाउंटर कर न सिर्फ हुब्बल्ली-धारवाड़ बल्कि देश के लोगों का दिल जीत लिया है। उनके साहस और साहसिक कार्य के लिए बधाईयों का तांता लगा हुआ है।
बिहार से मादक वस्तु का संबंध
कहा जाता है कि भवन निर्माण, घर निर्माण, सडक़, पानी और सीवरेज, तथा गैस पाइपलाइन समेत विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए बिहार से कई श्रमिक शहर में आए हैं। इनमें से अधिकांश श्रमिक वहां से बड़ी मात्रा में मादक वस्तुओं की तस्करी करते हैं। वे मादक वस्तुओं के नशे में आपराधिक कृत्य कर रहे हैं।
हुब्बल्ली में होने वाले 30 फीसदी अपराध मादक पदार्थों से संबंधित हैं। हुब्बल्ली-धारवाड़ पुलिस जुड़वां शहरों को नशा मुक्त बनाने के उद्देश्य से मादक पदार्थ तस्करों, विक्रेताओं और उपयोगकर्ताओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। अब तक 2,000 से अधिक लोगों की जांच कर उनमें से कई के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस की ओर से उठाए गए तमाम कदमों के बावजूद नशे के नेटवर्क पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।