हुब्बल्ली के कर्नाटक वाणिज्य एवं उद्योग संस्था के सभा भवन में राज्य सरकार के बजट को देखते संस्था के पदाधिकारी।

बजट में की कुछ नई घोषणाएं
हुब्बल्ली. मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने शुक्रवार को साल 2024-25 के लिए कुल 3.71 लाख करोड़ रुपए का एक बड़ा बजट (कर्नाटक बजट 2024) पेश किया है। कृषि, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों को अनुदान आवंटित किया गया है। इस बजट में कुछ नई घोषणाएं की गई हैं। इस बारे में जनप्रतिनिधियों व नेताओं ने विचार साझा किया है।

कर्ज के बोझ वाला बजट
केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बजट पर आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार का 2024-25 का बजट मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के राजनीतिक भाषण की तरह है, यह किसी भी आर्थिक मार्गदर्शन के अधीन नहीं है। राज्य सरकार की ओर से घोषित 5 गारंटियों के लिए पूरे वर्ष में धन कैसे जुटाया जाए इसे छोडकऱ इस बजट में आगामी वर्ष राज्य को आर्थिक महाशक्ति कैसे बनाना चाहिए, इस बारे में कोई रचनात्मक प्रस्ताव नहीं हैं। कई परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण पिछली सरकार के प्रस्तावों की पुनरावृत्ति है।
उन्होंने कहा कि बजट में केवल यह सूची नहीं होनी चाहिए कि हमारी सरकार ने किस परियोजना के लिए कितना धन आवंटित किया है, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रगति के द्वार तक कैसे ले जाया जाए, इस पर विचारों के कार्यान्वयन का विवरण होना चाहिए परन्तु राज्य की सिंचाई परियोजनाओं के लिए कोई वित्तीय प्रस्ताव नहीं है। सिद्धरामय्या की कवायद केंद्र की अनुमति के बहाने बचने की एक निरर्थक कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं है। राज्य के विभिन्न विभागों से कितना राजस्व अर्जित करना चाहिए इसके विवरण के साथ 3.71 लाख करोड़ रुपए के विशाल आकार के बजट के अलावा दिशाहीन एक रिकॉर्ड सूची है। इससे कोई जनकल्याण भी नहीं है। कोई आर्थिक प्रगति भी नहीं है।
जोशी ने कहा कि पूंजीगत व्यय को बिना किसी वृद्धि के 5,000 करोड़ तक सीमित किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में राजस्व व्यय एक लाख करोड़ से अधिक हो गया है। विभिन्न विभागों से राजस्व के स्रोत बढ़ाने के लिए, वाणिज्यिक कर 1,10,000 करोड़ रुपए, मोटर वाहनों पर कर 13,000 करोड़ रुपए, आबकारी कर 38,000 करोड़ रुपए और पंजीकरण टिकटों पर कर 26,000 करोड़ रुपए अन्य 2,300 करोड़ रुपए किया है। इस प्रकार करों में वृद्धि कर करदाताओं पर अनावश्यक बोझ डाल दिया गया है। पिछली सरकार में कर्ज की राशि की तुलना में, अब कर्ज का बोझ 1,05,246 करोड़ रुपए से अधिक हुआ है, जो 22 प्रतिशत अधिक है। इसे कर्ज के बोझ वाला बजट कहा जा सकता है।

औद्योगिक क्षेत्र के लिए राहत लेकर आया बजट
कर्नाटक वाणिज्य एवं उद्योग संस्था हुब्बल्ली में बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए संस्था के अध्यक्ष एसपी संशिमठ ने कहा कि हुब्बल्ली-धारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की ओर से शुक्रवार को विधानसभा में पेश किए गए 2024-25 के राज्य बजट में कई प्रस्तावों की घोषणा की है, जिससे इस क्षेत्र के उद्यमियों को कुछ राहत मिली है। यह स्वागत योग्य है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने बेंगलूरु-मुंबई आर्थिक गलियारा परियोजना के तहत संयुक्त साझेदारी में उत्तर कर्नाटक की बेरोजगारी की समस्या का समाधान खोजने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए धारवाड़ के पास लगभग 6,000 एकड़ भूमि में एक औद्योगिक नोडल क्षेत्र विकसित करने का प्रस्तापित किया है।

10 हजार नौकरियां सृजन होने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी सहभागिता में कित्तूर कर्नाटक में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना शुरू करने के प्रस्ताव से 10 हजार नौकरियां सृजन होने की उम्मीद है। हमारी संस्था की ओर से सौंपे गए प्रस्तावों में बल्लारी में असंगठित जींस उद्योगों को व्यवस्थित कर उन्हें विश्व स्तरीय बनाने के लिए बुनियादी ढांचे सहित जींस परिधान पार्क और सामान्य सुविधा केंद्र विकसित करने का प्रस्ताव इस बजट में शामिल किया गया है। यह संस्था के लिए गर्व की बात है। राज्य के 25 जिलों में जहां टेक्सटाइल पार्क नहीं हैं, वहां मिनी टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने वाले उद्यमियों को बुनियादी ढांचे के लिए टेक्सटाइल नीति के तहत सब्सिडी प्रदान करने का प्रस्ताव स्वागत योग्य है। कुल मिलाकर, उपरोक्त कारक औद्योगिक क्षेत्र को राहत देने और औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने की कार्रवाई होगी।
इस अवसर पर संस्था के मानद सचिव रवींद्र एस. बलिगार, संयुक्त मानद सचिव महेंद्र एच. सिंघी, पूर्व अध्यक्ष वसंत लदवा, कर समिति के अध्यक्ष कार्तिक शेट्टी, सीए चन्नवीर मुंगरवडी, सीए कपिल भंडारकर, सीए गुलाब छाजेड़, सदस्य अशोक लदवा, विश्वनाथ हिरेगौडर, विद्याधर येलगच्च और अन्य उपस्थित थे।

स्वागत योग्य अच्छा बजट
विधायक एवं कर्नाटक स्लम विकास बोर्ड के अध्यक्ष प्रसाद अब्बय्या ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की ओर से पेश किया गया बजट बहुत अच्छा और स्वागत योग्य है। कर्नाटक स्लम विकास बोर्ड की ओर से 1,18,353 घरों का निर्माण किया जा रहा है, और गरीब लोगों को उनके लिए 5 लाख रुपए का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। इसके चलते सरकार ने ही चार लाख रुपए का भुगतान करने का फैसला किया है, गरीबों को मात्र एक लाख रुपए का भुगतान करना होगा। इससे गरीबों को काफी फायदा होगा। इसके लिए वे मुख्यमंत्री के आभारी हैं। कर्नाटक स्लम विकास बोर्ड के तहत लगभग 1,18,353 घर निर्माणाधीन हैं, जिनमें से 48,796 घर जल्द ही लाभार्थियों को हस्तांतरित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सीधे वेतन प्राप्त कर रहे सफाई कर्मियों की सेवा को स्थाई करने की घोषणा स्वागतयोग्य है। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए महात्मा गांधी शहरी विकास योजना के तहत राज्य के 10 महानगर निगमों को 2 हजार करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं, हुब्बल्ली-धारवाड़ के पास टाउनशिप विकसित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। गंभीर रूप से बीमार रोगियों की रिकवरी की सुविधा के लिए धारवाड़ में स्वास्थ्य विभाग की ओर से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण किया जा रहा है। हुब्बल्ली एपीएमसी क्षेत्र में बायो सीएनजी प्लांट का निर्माण कर कचरे के निपटान के लिए कदम उठाया गया है, जो सराहनीय है।

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