चोरों से खुद को बचाना चरवाहों के लिए चुनौती
बागलकोट पुलिस विभाग का पहला प्रयोग
बागलकोट. जिला पुलिस विभाग ने राज्य में पहली बार चरवाहों को चोरों से बचाने के लिए आत्मरक्षा की खातिर बन्दूक चलाने का प्रशिक्षण देने की पहल की है। चोरों की नजर लाखों रुपए के मूल्यवान भेड़ों पर पड़ी है इन्हें चुराने के लिए उन पर हमला कर रहे हैं।
राज्य के लाखों चरवाहों और सामुदाय के नेताओं की चरवाहा कल्याण संरक्षण अधिनियम को लागू करने की मांग के बीच, जिला पुलिस विभाग राज्य में पहली बार बन्दूक चलाने का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। इसके लिए आवेदन भी आमंत्रित किए गए हैं।
क्या हुआ?
बादामी तालुक के उगलावाट में 9 मार्च को चरवाहे शरणप्पा जम्मनकट्टी ने अपने खलिहान के पास अपनी भेड़ों को चरा रहा था तभी तीन चोरों ने उन पर हमला किया था। जब उसने चोरी रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पत्थर से उसका सिर कुचलकर उसकी बेरहमी से हत्या कर भाग गए थे। इस घटना के कारण पूरे जिले में विरोध प्रदर्शन हुआ। विभिन्न संगठनों ने आरोपियों को कड़ी सजा देने और चरवाहों की सुरक्षा की मांग की थी। इसके अलावा, निर्वाचन क्षेत्र के विधायक भीमसेन चिम्मनकट्टी ने भी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबाव बनाया था। बाद में पुलिस ने तीन चोरों को गिरफ्तार कर लिया था।
मृत्यु का भय
हर दिन अपनी भेड़ों को चराने के लिए पहाड़ों सहित विभिन्न स्थानों पर जाने वाले चरवाहों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चोरों की नजर लाखों रुपए मूल्यवान भेड़ों पर पड़ी है, उन्हें चुराने के लिए उन पर हमला कर रहे हैं। अकेले भेड़ चराने के दौरान हमला करने पर जान बचाना ही एक बड़ी चुनौती बन जाती है। उन्हें अपने जीवन का डर सता रहा है।
एसपी का आइडिया, 7 अप्रेल से प्रशिक्षण
शरणप्पा मामले के बाद जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमरनाथ रेड्डी को चरवाहों को आत्मरक्षा के लिए बंदूक चलाने का प्रशिक्षण देने का विचार आया। इसी कारण से, उन्होंने चरवाहों को साल में एक बार प्रशिक्षण प्राप्त करने की सलाह दी है। अस्थायी पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में 7 से 13 अप्रेल तक प्रशिक्षण चलेगा।
चल्लकेरे नस्ल की भेड़ ने एक बार में 4 मेमनों को दिया जन्म
शिडलघट्टा क्षेत्र की देशी भेड़, चल्लकेरे, बन्नूर और बंडूर भेड़ें एक समय में एक या कुछ मामलों में दो मेमनों को जन्म देती हैं परन्तु अप्पेगौडनहल्ली के एक किसान के घर में एक भेड़ ने एक साथ चार मेमनों को जन्म दिया है और सभी मेमने और मां भेड़ स्वस्थ हैं। तालुक के हंडीगनाल ग्राम पंचायत क्षेत्र के अप्पेगौडऩहल्ली के किसान कृष्णप्पा की भेड़ ने एक साथ चार मेमनों को जन्म दिया है। इस बार चल्लकेरे नस्ल की भेड़ ने 4 मेमनों को जन्म दिया है, जो आश्चर्य और खुशी का कारण बना है।
चल्लकेरे नस्ल की भेड़ ने चार मेमनों को दिया जन्म
चल्लकेरे नस्ल की भेड़ ने चार मेमनों को जन्म दिया है, वंशावली की दृष्टि से उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली है और किसानों की अच्छी देखभाल से गर्भवती भेड़ों में अंडों की संख्या बढ़ेगी, जिससे अधिक मेमनों को जन्म देना संभव हो सकेगा। ऐसी भेड़ें दुर्लभ हैं और ऐसी भेड़ों को पालना किसानों के लिए काफी लाभदायक होगा।
–डॉ. श्रीनाथ रेड्डी, पशु चिकित्सक
इच्छुक सभी को प्रशिक्षण देंगे
शरणप्पा हत्याकांड के चलते चरवाहों के लिए बंदूक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। हम इच्छुक सभी को प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद लाइसेंस प्राप्त कर बंदूक खरीद सकते हैं।
–अमरनाथ रेड्डी, एसपी, बागलकोट