शराबियों का अड्डा बनी झील
गांव के जलस्रोत रहे सात झीलों में बची एक मात्र झील
स्थानीय प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
बेलगावी. बादामी चालुक्यों के समय में गुडगेरी के आसपास सात झीलें थीं, जो सभी लुप्त हो चुकी हैं। हरिजगेरी झील एक सुदूर क्षेत्र में स्थित है, जहां उचित संरक्षण या विकास नहीं हुआ है और यह शराबियों का अड्डा बन गया है।
गांव के बुजुर्गों ने लोगों के लिए हरजगेरी, कोटे होंडा, सिद्धन होंडा समेत सात झीलें बनवाई थीं।
ये जल स्रोत लोगों की पानी की प्यास बुझाते थे। नलकूपों के आगमन के बाद उपेक्षा के कारण झीलें लुप्त हो गई हैं। गांव में कोटे होंडा और सिद्धन होंडा ने अपना मूल स्वरूप खो दिया है और लुप्त हो चुकी हैं।
ध्यान नहीं दे रहा स्थानीय प्रशासन
वर्तमान हरिजगेरी का क्षेत्रफल लगभग 12 एकड़ है और यह अभी भी लबालब है। संरक्षण के अभाव में झील के किनारों पर कंटीली झाडिय़ां उग आई हैं, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। दूसरी ओर, शराबी झील के किनारे बेतरतीब हर कहीं शराब की बोतलें फेंक रहे हैं। बच्चों के झील में तैरने से पानी प्रदूषित हो रहा है और स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
पहरेदार की नियुक्ति करें
जिला पंचायत के पूर्व सदस्य वेंकनगौड़ा हिरेगौडर ने कहा कि पहले झील की रखवाली और इसकी सफाई बनाए रखने के लिए एक पहरेदार नियुक्त किया गया था। अब वहां कोई पहरेदार नहीं होने से झील प्रदूषित हुई है। पहरेदार की नियुक्ति करनी चाहिए।
झील विकास पर ध्यान केंद्रित करें स्थानीय प्रशासन
सात झीलों में से केवल हरिजगेरी ही बची है। यदि इस झील की उपेक्षा की गई तो गांव में पानी का कोई स्रोत नहीं बचेगा। बिजली और बोरवेल खराब होने पर लोग इसी हरिजगेरी के पानी का ही उपयोग कर रहे हैं और अगर यह झील क्षतिग्रस्त हो गई तो पानी की समस्या हो जाएगी। अब तो स्थानीय प्रशासन को झील विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
चर्चा कर कार्रवाई करूंगा
हरिजगेरी झील के प्रदूषण के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। मैं अगली बैठक में इस पर चर्चा कर कार्रवाई करूंगा।
–बी.एन. राघवेंद्र, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, गुडगेरी