कर्नाटक में भारी बारिश और बाढ़ का कहर

मंत्रालय जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलर्ट

रायचूर. तुंगभद्रा जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के कारण तुंगभद्रा बांध से नदी में 1,00,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे मंत्रालय स्थित राघवेंद्र स्वामी की एकशिला वृंदावन जलमग्न हो गई है। श्रावण मास की शुरुआत के बाद से राघवेंद्र स्वामी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, परन्तु एकशिला वृंदावन जल में डूब जाने से दर्शन में कठिनाई हो रही है।

बाढ़ के कारण गुरु राघवेंद्र स्वामी के तपस्या स्थल (जप कट्टा) समेत कई धार्मिक स्थल जलमग्न हो गए हैं। अर्चकगण (पुजारी) जल के बीच में जाकर पूजा-अभिषेक कर रहे हैं। पास के बिच्चालम्मा देवी मंदिर, उग्र नरसिंह मंदिर, नागदेवता की वेदी, और शिवलिंग भी पानी में डूब गए हैं।

जल स्तर में तेजी से वृद्धि के कारण बीदर, कलबुर्गी, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद, और मंत्रालय जैसे कई क्षेत्रों से संपर्क बाधित हुआ है। कई पुलों पर पानी भर गया है, जिससे आवाजाही रुक गई है।

विजयनगर जिले के हंपी के प्रसिद्ध पुरंदर मंड़प, विजयनगर काल का पैदल पुल, और चक्रतीर्थ क्षेत्र भी पानी में डूबे हैं। रामलक्ष्मण मंदिर परिसर तक भी पानी पहुंच गया है। विरूपाक्षपुर गड्डा पहाड़ी से हंपी को जोडऩे वाला मार्ग टूट गया है। कृष्णदेवराय की समाधि (64 खंभों वाला मंदिर) भी लगभग पूरी तरह से जलमग्न हो गया है।

हंपी के कई स्मारक डूबने के कारण विजयनगर जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक पुरंदरदास मंड़प, चक्रतीर्थ मंदिर और अन्य स्मारकों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। जल स्तर और बढऩे की संभावना को देखते हुए जलग्रहण क्षेत्रों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।

राज्य में बारिश का सिलसिला जारी

करावली (तटीय क्षेत्र) और मलेनाडु (पश्चिमी घाट) जिलों में मंगलवार को भी छिटपुट से लेकर मध्यम बारिश हो रही है। कुछ जगहों पर भारी बारिश हो रही है। उत्तर कर्नाटक के भीतरी जिलों में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। दक्षिणी भीतरी जिलों में मौसम शुष्क है।

प्रशासन ने यात्रियों को यात्रा पर निकलने से पहले संबंधित जिला प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों पर ध्यान देने की सलाह दी है।

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