खतरे में मकान, सड़कें, असहाय स्थानीय सरकारी निकाय

दक्षिण कन्नड़ के 80 से अधिक गांवों में बारिश में भूस्खलन का खतरा

मेंगलूरु. हाल के वर्षों में दक्षिण कन्नड़ जिले सहित तटीय क्षेत्रों में भूस्खलन की संख्या में वृद्धि हुई है, परन्तु उन्हें रोकने के लिए विशिष्ट नियमों की कमी के कारण स्थानीय सरकारी निकाय असहाय हैं।

सडक़ों, आवासों और इमारतों जैसे “अनिवार्य” कारणों से प्राकृतिक पहाडिय़ों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। इसलिए, पहाडिय़ों के किनारे स्थित मकान हर बरसात के मौसम में खतरे में रहते हैं।

ग्राम पंचायतें यह सोचकर हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं कि इस बारे में कुछ नहीं किया जा सकता। ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ों को खोदकर इमारतें बनाने के खिलाफ कोई नियम नहीं है। इसलिए, इसे रोकना संभव नहीं हो पा रहा है।

35 जगहों पर रिटेनिंग वॉल बनाने का प्रस्ताव

जहां एक तरफ पहाडिय़ां घरों पर गिर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों सहित प्रमुख सडक़ों पर पहाडिय़ां गिर रही हैं। दक्षिण कन्नड़ जिले में पिछले साल 60 से अधिक स्थानों पर पहाडिय़ां गिरी हैं। इनमें से 35 जगहों पर रिटेनिंग वॉल बनाने का प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया था। दूसरे चरण में और अधिक रिटेनिंग दीवारों के लिए प्रस्ताव सौंपे जा रहे हैं। इस बार, 15 से अधिक जगहों पर भूस्खलन पहले ही हो चुका है।

इन गांवों में भूस्खलन का खतरा

भटकल तालुक के बी. कसबा, अमटादी, मणि नाल्कूर, पेरने, सजिप मुन्नूर, पुदु, सजिपनडु, कैरंगल, मेंगलूरु तालुक के अड्डूर, मूलूर, अडयार, अरकुल, केंजार, सूरिंजे, देलंतबेट्टू, सुल्या तालुक के संपाजे, आरंतोडु, तोडिकान, आलेट्टी, मर्कंज, हरिहर पल्लतडक, बालुगोडु, कोल्लमोगरु, कल्मकारु, कदबा तालुक के सुब्रहमण्य, ऐनेकिदु, एनेकल्लू, सिरिबागिलु, शिराडी, कौकराडी, इचलमपाडी, पुत्तूर तालुक के बेल्लिप्पाडी, बजत्तूर, पुत्तूर कसबा, बेलतंगडी तालुक के मित्तबागिलु, कडिरुद्यावर, मलवंतिगे, दिडुपे, मुंडाजे, ल्याल, कोय्यूरु, नाड, कन्याडी, इंदबेट्टू, नावूर, चारमाडी, उल्लाल तालुक के चिबिद्रे, तोटत्ताडी, नेरिया, कलमंजा, धर्मस्थल, बेलालु, बंदारू, मोगरू, निडले, शिशिला, नारावी, कुतलूर, वेणूर, बजीरे, कोरीमनिलु, मुडुकोडी, बडगा कारंदूर, सुल्केरीमोगरू, पिल्या, शिरलालु, करमबारू, आरमबोडी, गुंडूरी, उल्लाल तालुक के पेरमनूर, उल्लाल, सोमेश्वर, मंज नाडी, इरा, बालेपुणी, कोणाजे, मुन्नूर, बेलमा, हरेकल, बोलियारु, पजीरू, सजीपा नडु, कुर्नाडु, मूडुबिदिरे तालुक के बेलुवाई, शिरताडी, पुत्तिगे, निड्डोडी, बडगा मिजार, होसबेट्टू समेत 80 से अधिक गांवों में बारिश में भूस्खलन का खतरा है।

अलग नियमों की जरूरत

ग्राम पंचायतों ने उपलब्ध नियमानुसार अनुमति प्रदान की है। भूस्खलन का कारण पहाड़ों की अवैज्ञानिक खुदाई तथा मकानों का निर्माण है। कुछ स्थानों पर सडक़ निर्माण के कारण भी समस्या उत्पन्न हुई है, जो तटीय और मलेनाडु क्षेत्रों में अधिक है। इसे रोकने के लिए अलग से नियम बनाने की आवश्यकता है। फिलहाल चिन्हित स्थानों पर रहने वालों को चेतावनी दी जा रही है। आवश्यकता पडऩे पर उन्हें निकाला जाएगा।
डॉ. आनंद के. सीईओ, दक्षिण कन्नड़ जिला पंचायत

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