अवैध शराब ने बिगाड़ा ग्रामीण जीवन का संतुलनअवैध शराब बिक्री के विरोध में प्रदर्शन करती महिलाएं।

हलियाल और जोयिडा में खुलेआम बिक्री

महिला संगठनों ने प्रशासन से की सख्त कार्रवाई की मांग

दांडेली (उत्तर कन्नड़). उत्तर कन्नड़ जिले के दांडेली, हलियाल और जोयिडा तालुकों के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब की खुलेआम बिक्री ने सामाजिक और पारिवारिक जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। दुकानों, घरों के सामने और सार्वजनिक स्थलों पर शराब की उपलब्धता ने गांवों की शांति को भंग कर दिया है।

महिलाओं का विरोध

स्थानीय महिला संगठनों ने इस समस्या के खिलाफ आवाज उठाते हुए विधायक, राज्य प्रशासन सुधार आयोग अध्यक्ष आर.वी. देशपांडे, आबकारी विभाग और पुलिस अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

स्थानीय महिला संगठनों का कहना है कि शराब ने परिवारों को सडक़ पर ला खड़ा किया है। युवा कम उम्र में ही इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। घरों में झगड़े, मारपीट और आर्थिक संकट बढ़ रहा है।

स्वास्थ्य और सामाजिक असर

ग्रामीणों का कहना है कि गांवों में शराब की आसान उपलब्धता के कारण युवाओं का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। पारिवारिक कलह और घरेलू हिंसा बढ़ रही है। कमाई का बड़ा हिस्सा शराब पर खर्च हो रहा है। सडक़ किनारे बिखरी शराब की बोतलें और पैकेट इस समस्या की गंभीरता को दर्शाते हैं। यह काला बाजार अब संगठित रूप ले चुका है, जिसे रोकना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।

प्रशासन से अपेक्षा

ग्रामीण महिलाएं मांग कर रही हैं कि अवैध शराब विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। गांवों में नियमित छापेमारी करनी चाहिए। जनजागरण अभियान चलाकर युवाओं को नशे से दूर रखना चाहिए।

ग्रामीणों का कहना है कि दांडेली क्षेत्र की यह समस्या अब केवल कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं, बल्कि सामाजिक विघटन और सार्वजनिक स्वास्थ्य का संकट बन चुकी है। यदि प्रशासन ने शीघ्र कदम नहीं उठाए, तो यह स्थिति और भयावह रूप ले सकती है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और गांवों में फिर से शांति लौटेगी।

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