गदग। डॉ. भीमराव अंबेडकर सरकारी मैट्रिकोत्तर व्यावसायिक छात्रावास में गणेशोत्सव आयोजन को लेकर छात्रों और वार्डन के बीच हुए तीखे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया है। इस घटना के बाद समाज कल्याण विभाग के उपनिदेशक नंदा हनबरहट्टी ने समग्र जांच के आदेश जारी किए हैं।
यह है मामला
छात्रावास में हर साल की तरह गणेश प्रतिमा तीन दिन तक स्थापित कर विसर्जन किया जाता था। इस बार वार्डन रियाज अगरखेड ने केवल एक ही दिन पूजा कर प्रतिमा विसर्जन का निर्णय लिया। छात्रों ने इसका विरोध करते हुए आरोप लगाया कि वार्डन उन्हें हिन्दू त्योहार मनाने से रोकते और मानसिक प्रताडना देते हैं।
घटना कैसे बढ़ी?
छात्रों के विरोध के बीच पुलिस मौके पर पहुंची और कहा जा रहा है कि कुछ छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया गया। देर रात वार्डन रियाज अगरखेड ने पुलिस की मौजूदगी में प्रतिमा का विसर्जन कराया। इससे छात्र आक्रोशित हो उठे और वार्डन के खिलाफ सामूहिक शिकायत दर्ज की।
प्रशासन की कार्रवाई
विभागीय उपनिदेशक ने स्पष्ट किया है कि वार्डन रियाज अगरखेड को तत्काल दूसरे छात्रावास में स्थानांतरित किया गया है। उनकी जगह अब रोन तालुक के काउजगेरी गांव स्थित डॉ. आंबेडकर छात्रावास के वार्डन रंगप्पा ओलेकार को प्रभार सौंपा गया है। जांच पूरी कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
बड़ा सवाल
यह प्रकरण केवल एक छात्रावास विवाद नहीं, बल्कि धार्मिक आस्थाओं और प्रशासनिक रवैये के टकराव को उजागर करता है।
– क्या छात्रावास प्रशासन धार्मिक आयोजनों पर मनमाना निर्णय ले सकता है?
– क्या छात्रों की भावनाओं की अनदेखी कर पुलिस बल का उपयोग उचित है?
– विभागीय जांच से सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।