सामाजिक-शैक्षणिक सर्वेक्षण में अनियमिततामहिला सर्वेक्षक का पहचान पत्र बताता युवक।

सरकारी कर्मचारियों की जगह बच्चे और परिचित कर रहे सर्वे

हुब्बल्ली. पिछड़े वर्ग आयोग की ओर से जारी सामाजिक एवं शैक्षणिक सर्वेक्षण में गंभीर अनियमितता सामने आई है। नियोजित सरकारी कर्मचारियों की जगह उनके बच्चे और परिचित सर्वेक्षण कर रहे हैं। ऐसा ही मामला बुधवार को शहर के मनोज एस्टेट स्थित बी.एम. रॉयल गार्डन अपार्टमेंट में उजागर हुआ।

निवासियों ने बताया कि एक युवक घर पर सर्वेक्षण करने पहुंचा। जब पहचान पत्र मांगा गया तो उसने जिलाधिकारी के हस्ताक्षर वाला एक पहचान पत्र दिखाया, जिसमें उसकी माता का फोटो चिपका था। युवक ने स्वयं को नियोजित महिला सर्वेक्षक का पुत्र बताया। संदेह होने पर अपार्टमेंट के निवासियों ने उसे जानकारी दिए बिना लौटा दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सर्वेक्षणकर्ताओं पर 7 अक्तूबर तक लक्ष्य पूरा करने का दबाव है। कई कर्मचारी बीमार होने के कारण उनके स्थान पर बच्चे और परिचित सर्वेक्षण कर रहे हैं। इससे सर्वेक्षण की वैज्ञानिकता और विश्वसनीयता पर प्रश्न उठ रहे हैं।

इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए हुब्बल्ली शहर तहसीलदार महेश घास्ती ने कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। मैं अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा और सर्वेक्षणकर्ताओं को अनुशासन का पालन करने की चेतावनी दी जाएगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण केवल नियुक्त सरकारी कर्मचारी ही करेंगे। किसी भी परिस्थिति में उनके स्थान पर अन्य लोगों को अनुमति नहीं है।

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