सही सडक़ों, नालियों के निर्माण की मांग
हुब्बल्ली. पुरानी हुब्बल्ली के ईश्वर नगर में बुनियादी सुविधाओं की कमी सता रही है।
पुरानी हुब्बल्ली सर्कल से गिरियाल रोड पर हुब्बल्ली-धारवाड़ बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे ईश्वर नगर स्थित है। ईश्वर नगर तक बाईपास सर्विस रोड या पुरानी हुब्बल्ली सर्कल के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। किसी भी रास्ते से यात्रा करने पर अव्यवस्थित सडक़ ही है।
ईश्वर नगर की मुख्य सडक़ के दोनों किनारों पर बारिश के पानी की निकासी के लिए नालियों का निर्माण नहीं किया गया है। थोड़ी सी बारिश होने पर भी सडक़ खेत की सडक़ में तब्दील हो जाती है। मार्ग पर आवारा मवेशी और आवारा कुत्ते नियमित रूप से दिखाई देते हैं।
खस्ताहाल रिहायशी इलाके की सडक़
हर साल बरसात के मौसम में पूरे रिहायशी इलाके के लोगों को परेशानी होती है। बस्तियों को जोडऩे वाली सडक़ें भले ही सीसी सडक़ें हैं, परन्तु बरसात के दिनों में ये खेतों की सडक़ों जैसी दिखती हैं। बारिश रुक भी जाए तो ईश्वर नगर की सडक़ों पर कीचड़ ही कीचड़ रहता है। गर्मी शुरू होते ही सारा कीचड़ धूल में परिवर्तित हो जाता है।
आसपास फैली रहती है बदबू
ईश्वर नगर अधिकतर झुग्गियों से भरा है। 70 फीसदी से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में रहते हैं। रिहायशी इलाके में बिखरे हुए खाली भूखंडों में कांटेदार पौधे उग आए हैं, जिससे गंदगी बढ़ गई है। नालों से निकलने वाले ठोस कचरे का नियमित निस्तारण नहीं होने से दुर्गंध फैली है। सार्वजनिक शौचालय, स्वच्छ पानी का संयंत्र, आंगनबाड़ी और एक मंदिर को खुले नाले पर अगल-बगल बनाया गया है। सार्वजनिक शौचालय के पर्याप्त रख-रखाव के अभाव के कारण गंदगी फैली रहती है, जिससे आसपास बदबू फैली रहती है।
मच्छरों का प्रकोप बढ़ा
ईश्वर नगर 5वीं क्रॉस के पास सीवेज बह रहा है। इस सीवेज लाइन में सीमेंट की नालियां नहीं बनने से झाडिय़ां उग आई हैं और मच्छरों जैसे कीड़ों का बसेरा बन गई हैं। आसपास की बस्तियों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।
किष्किन्धा में सरकारी स्कूल
ईश्वर नगर के किष्किन्धा में पहली से आठवीं कक्षा तक सरकारी कन्नड़ उच्च प्राथमिक विद्यालय चल रहा है। साल दर साल बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है और उस हिसाब से कोई विशाल या अलग कमरे नहीं हैं। आवासीय लाइन पर स्थित स्कूल भवन भी उतने ही क्षेत्र में है। स्कूल भवन में न तो कोई परिसर है और न ही पर्याप्त बोर्ड। यहां सभी विषयों के शिक्षक हैं और पढ़ाई भी अच्छी है, इसलिए प्रवेश पाने वाले बच्चों की संख्या भी दोगुनी हो गई है। बच्चों के अभिभावकों का आग्रह है कि ईश्वर नगर में एक अलग क्षेत्र चिन्हित कर बच्चों की सुविधा के लिए एक सर्वसुविधायुक्त स्कूल भवन का निर्माण करना चाहिए। आवासीय सडक़ों पर ही बच्चों का खेलना मजबूरी है।
टूटी सीसी सडक़ें
बरसात से पहले ही टूटी सीसी सडक़ें अब कीचड़ के तलय्या बने हुए हैं। ड्रेनेज पाइप बिछाने के लिए कुछ जगहों पर सीसी सडक़ों के बीच में खोदा गया है। ईश्वर नगर की अधिकांश सीसी सडक़ें कच्ची सडक़ों जैसी दिख रही हैं। सडक़ किनारे नालियां नहीं होने से बारिश के पानी के साथ कीचड़ फैल गया है। इससे पैदल चलने वालों को परेशानी हो रही है। स्कूली बच्चों को घर से स्कूल जाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
चप्पल पहनकर नहीं चल सकते
ईश्वर नगर की निवासी शारदा नारेन्नवर ने कहा कि बरसात के मौसम में लोग चप्पल पहनकर नहीं चल सकते। सडक़ों पर कीचड़ भर जाता है। बुनियादी ढांचा अभी तक पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है।
ईश्वर नगर निवासी रजिया मकानदार ने कहा कि कूड़ा गाड़ी घर के सामने नहीं आती। दूर से नजर आने वाली कूड़ा गाड़ी के पास भी लोग नहीं जाते हैं और नाली में ही कचरा फेंकते हैं।
ईश्वर नगर निवासी रूपा एन अंबिगेर ने कहा कि डेंगू बुखार शुरू होने पर एक बार फॉगिंग की गई है। उसके बाद से फॉगिंग नहीं हुई। बगल के गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। नाली का निर्माण नहीं किया है। इसके चलते मच्छरों का प्रकोप बहुत बढ़ गया है।
बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध की जाएंगी
करोड़ो रुपए का अनदान खर्च कर सीसी सडक़ें बनाई थी, मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध की गई थीं परन्तु फिर से खोदा गया है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। साथ ही करोड़ों रुपए बर्बाद हुए हैं। अधिकारियों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। ईश्वर नगर का दौरा कर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध की जाएंगी।
-प्रसाद अब्बय्या, विधायक