नेताओं के खिलाफ जताई नाराजगी
हुब्बल्ली. विधान परिषद मेें जेडीएस सदस्य मरितिब्बेगौड़ा ने गुरुवार को अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया है। विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी को इस्तीफा सौंपा।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मरितिब्बेगौड़ा ने कहा वे स्वेच्छा से परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिया है।
उन्होंने कहा कि जेडीएस में कोई धर्मनिरपेक्षता नहीं बची है। निष्ठावान कार्यकर्ताओं की कोई अहमियत नहीं है। इस बारे में उन्होंने कई बार पार्टी नेताओं से गुहार लगाई परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ।
मरितिब्बेगौड़ा ने कहा कि वे चार बार दक्षिण शिक्षक क्षेत्र के प्रतिनिधि के तौर पर निर्वाचित हुए हैं। सत्र के दौरान विषयगत रूप से समर्थन किया है। जेडीएस ने कृषि और एपीएमसी अधिनियमों के मुद्दे पर तत्कालीन सत्तारूढ़ दल का पक्ष लिया परन्तु मैंने ईमानदारी से किसानों के पक्ष में खड़ा रहा। जेडीएस में किसी भी महत्वपूर्ण फैसले में पार्टी विधायकों और नेताओं से सलाह नहीं ली जा रही है। एचडी देवेगौड़ा और एचडी कुमारस्वामी ही फैसला लेते हैं। मंड्या में पूर्व में लोकसभा के लिए निखिल कुमारस्वामी के चुनाव नहीं लडऩे की सलाह देने पर पार्टी नेताओं ने मुझ से नाराज होकर मुझे चार साल तक पार्टी कार्यक्रमों से दूर रखा।
उन्होंने कहा कि जेडीएस का भाजपा के साथ गठबंधन मगरमच्छ की सवारी है। मेरे अगले राजनीतिक फैसले की घोषणा दो दिन में की जाएगी।
