हुब्बल्ली. पार्टी के भीतर आंतरिक मतभेदों को कम करने के लिए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के नेतृत्व में प्रदेश भाजपा कार्यालय में तीसरी बैठक हुई और पूर्व मंत्री एम.पी. रेणुकाचार्य को अंतिम चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने दोबारा लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन किया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई अनिवार्य होगी।
प्रल्हाद जोशी, प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र, पूर्व सीएम डी.वी. सदानंद गौड़ा और सांसद गोविंद करजोल के नेतृत्व में शुक्रवार को बागलकोट और दावणगेरे जिलों के गुटों के साथ बैठक हुई। दावणगेरे जिले के संबंध में पूर्व मंत्री एमपी रेणुकाचार्य के गुट के साथ चर्चा के दौरान यह चेतावनी दी गई।
चेतावनी दी गई है कि हम जानते हैं कि आप पहले जी.एम. सिद्धेश्वर के बारे में कैसे बात करते थे। आप अब कैसे बात कर रहे हैं। यह सब पार्टी के हित के लिए अच्छा नहीं है। जब आवश्यक न हो तो मीडिया में बयान देना, सोशल मीडिया का उपयोग करना, बैठकें करना आदि स्वीकार नहीं किया जा सकता। आपके खिलाफ अनुशासनात्मक उल्लंघन के कई आरोप हैं और यह आखिरी मौका है। ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।
बैठक से पहले पत्रकारों से बातचीत करते हुए रेणुकाचार्य ने अपने चिरपरिचित अंदाज में शेखी बघारी। उन्होंने कहा कि दावणगेरे लोकसभा क्षेत्र में हार के लिए हम में से कोई जिम्मेदार नहीं है। हम शक्ति प्रदर्शन नहीं करने जा रहे हैं। मीडिया में मेरे खिलाफ झूठी खबर फैलाई जा रही है कि रेणुकाचार्य को हटाया गया है परन्तु यह कलियुग है। चक्रव्यूह भेदने और उसमें प्रवेश करने की शक्ति मुझमें भी है। कई वरिष्ठ नेताओं ने मुझे बुलाकर बात की है। उन्होंने मुझे खुलकर न बोलने को कहा है। हार का कारण सिद्धेश्वर की पत्नी हैं। मैं जोशी के सामने सारे रिकॉर्ड रखूंगा।
उन्होंने कहा कि मैंने येडियूरप्पा और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ बयान दिया है। यह पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं है। मैंने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कुछ नहीं कहा है। रेणुकाचार्य के साथ माडाल विरुपाक्षप्पा, एस.ए. रवींद्रनाथ भी थे।
इससे पहले बागलकोट जिले की बैठक हुई और पूर्व विधायक वीरन्ना चरंतीमठ, विधान परिषद सदस्य पी.एच. पूजार गुट के साथ जोशी ने बैठक कर मतभेदों को सुलझाने का प्रयास किया।
