कृष्णा नदी के तट पर कृष्णा आरतीजमखंडी तालुक के हिप्परगी बैराज के पीछे स्थित संगमेश्वर महाराज मंदिर प्रांगण में कृष्णा आरती करते हुए।

जमखंडी (बागलकोट). उफान पर बह रही कृष्णा नदी के तट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। रंग-बिरंगी रोशनी की झिलमिलाहट में सजी कृष्णा नदी का दृश्य दर्शकों की आंखों को सुखद अनुभव दे रहा था। कृष्णा आरती देखने के लिए लोग टूट पड़े थे। उत्तर भारत की गंगा नदी पर होने वाली गंगा आरती की तर्ज पर कृष्णा नदी पर दूसरी बार कृष्णा आरती का आयोजन हुआ, जिसे हजारों की संख्या में आए श्रद्धालुओं और किसानों ने देखा।

जमखंडी तालुक के हिप्परगी बैराज के पीछे पवित्र संगमेश्वर महाराज मंदिर प्रांगण में एमआरएन निराणी फाउंडेशन और किसानों के सहयोग से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तथा मुरगेश निराणी के 60वें जन्मदिवस के अवसर पर कृष्णा पुण्य स्नान, कृष्णा आरती और पालकी उत्सव का विशेष आयोजन किया गया था, जिसमें साधु-संतों ने भी भाग लिया था।

हिप्परगी बैराज और संगमेश्वर मंदिर परिसर के साथ-साथ नदी के किनारों पर रंगीन सजावट और दीपों की अलंकरण ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आगे आरती और पीछे भरतनाट्यम का प्रदर्शन दर्शकों को मोहित कर रहा था। चारों ओर जयघोष गूंज उठा। किसानों ने पूजन में भाग लेकर माता कृष्णा को नमन किया। कृष्णा आरती की शुरुआत मंत्रोच्चार, घंटा-नाद और शंख-ध्वनि के साथ की गई।

कंकणवाड़ी, माईगूर और मुत्तूर गांव से लाई गई पांच नौकाओं में साधु, पंडित, आचार्य, महिलाएं और गणमान्यजन एमआरएन के कार्यकारी निदेशक संगमेश निराणी के नेतृत्व में नदी में गए और पूरब दिशा की ओर मुख करके बागिन अर्पण कर विशेष पूजा की।
विभिन्न गांवों की महिलाएं आरती के साथ पहुंचीं और नदी में आरती उतारने के बाद एक-दूसरे को गोद भराईकर आशीर्वाद दिया। पूड़ी सहित विभिन्न मिठाइयां नदी को अर्पित की गईं। कला दलों की ओर से भरतनाट्यम सहित अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए।

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