Landslide again in Kalcheयल्लापुर गांव के कलचे गांव में हुआ भूस्खलन।

कलचे में फिर भूस्खलन

कारवार. यल्लापुर तालुक के वज्रल्ली ग्राम पंचायत के कलचे गांव में फिर से छिटपुट भूस्खलन हुआ है, जिससे लोग भयभीत हैं। 21 जुलाई 2021 को भारी बारिश के कारण पहाड़ी ढहने से गांव के कई घर, बगीचे और खेत बह गए थे।
काली घाटी क्षेत्र स्थित कलचे गांव में 175 परिवार रहते हैं। चार साल पहले भूस्खलन के कारण ग्रामीणों ने सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि खो दी थी। उस वक्त की यादें मिटने से पहले ही वहां फिर से भूस्खलन हो रहा है, जिससे लोग खौफ में हैं।
स्थानीय निवासी प्रसन्ना कलचे ने बताया कि पूर्व में हुए भूस्खलन क्षेत्र में ही फिर से करीब एक एकड़ जमीन ढह गई है। इससे जनार्दन हेब्बार के सुपारी के बागान को नुकसान पहुंचा है। माणिगद्दे कुंबरी में कमलाकर भागवत के घर और कलचे घाटी में उदय ऐताल के घर के पास भूस्खलन हुआ है।

स्थानांतरित करने का नोटिस दिया

राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले 16 घरों को भूस्खलन के खतरे के कारण स्थानांतरित करने का नोटिस दिया गया था। राहत केंद्र में स्थानांतरित करने के निर्देश देने के बाद भी लोग सहमत नहीं हैं।

गांव का स्थानांतरण उचित

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के विशेषज्ञों की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में कहा है कि काली घाटी के मध्य में फिर से भूस्खलन होने की संभावना है। यहां सुविधाओं के विकास की कोई गुंजाइश नहीं है। उसी घाटी की छोर पर स्थित कोडसल्ली बांध की सुरक्षा को देखते हुए गांव का स्थानांतरण उचित है।

विभिन्न हिस्सों में जमीन ढही
चार साल पहले, भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने गांव को विभाजित कर दिया है। इस बरसात के मौसम में ऐसी ही स्थिति फिर से पैदा हो रही है और कुछ दिनों से गांव के विभिन्न हिस्सों में जमीन ढही है।
गजानन भट्ट, सदस्य, ग्राम पंचायत, कलचे

मुआवजा के बिना स्थानांतरण संभव नहीं

कलचे गांव में पिछली बार हुई भूस्खलन से घर और बगीचे खोने वालों को उचित मुआवजा नहीं मिला है। घर बनाने के लिए वैकल्पिक भूमि और कृषि भूमि का उचित मुआवजा देने पर मात्र स्थानांतरित होने को लेकर पहले ही 125 से अधिक परिवारों ने हलफनामा दायर किया है। मुआवजा के बिना स्थानांतरण संभव नहीं है।
आरपी हेगड़े, नेता, कलचे गांव

कलचे में भूस्खलन का खतरा

काली घाटी क्षेत्र में 50 से 60 फीट तक चट्टान की परत है और यह ज्यादा पानी को सोखने नहीं दे रही है। जब भी भारी बारिश होती है तो मिट्टी ढहने का खतरा रहता ही है। इससे कलचे में भूस्खलन का खतरा रहता है।
-केशव कोर्से, पर्यावरणविद्

उचित सुरक्षा उपाय किए जाएंगे
कलचे में भूस्खलन की पुनरावृत्ति के संबंध में तालुक प्रशासन से रिपोर्ट प्राप्त कर उचित सुरक्षा उपाय किए जाएंगे।
के. लक्ष्मीप्रिया, जिलाधिकारी, उत्तर कन्नड़

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