राजनीतिक बयानबाजी : पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने हिजाब के मुद्दे पर टिप्पणी से इंकार किया
धर्म तोड़ने वाले कृत्य का विरोध करता था और आज भी इसका विरोध करूंगा
हुब्बल्ली. पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने कहा कि लिंगायतों को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जो उन्हें अलग धर्म के नाम पर बांटे। मैंने यह पहले भी कहा है और अब भी कह रहा हूं। किसी को भी समाज को तोडऩे जैसी हरकत नहीं करनी चाहिए।
शहर में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए शेट्टर ने कहा कि वीरशैव और लिंगायत को अलग-अलग तरह से पेश किया जा रहा था। मैंने सभी मिलकर स्वतंत्र धर्म के लिए लडऩे को कहा था। मैंने कहा था कि वीरशैव महासभा को नेतृत्व करना चाहिए। समाज में कोई विभाजन नहीं होना चाहिए।
सिद्धरामय्या ने हिजाब पर दी है सफाई
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि हिजाब वाले बयान पर खुद मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने सफाई दी है। इसी को विपक्षी दल चाहें तो उन्हें हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर लें। इसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं।
विधान परिषद सदस्य बीके हरिप्रसाद के भाजपा को अंग्रेजों की चाटुकार वाले बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार करते हुए शेट्टर ने कहा कि व्यक्तिगत बयानों को वे ही परिभाषित करेंगे। हमें क्यों हर बात का जवाब देना चाहिए?
उन्होंने कहा कि 8 से 10 मंत्रियों को लोकसभा चुनाव में उतारने को लेकर पार्टी मंच पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
गौर तलब है कि 2017 में जब सिद्धरामय्या मुख्यमंत्री थे तो अलग लिंगायत धर्म को लेकर संघर्ष हुआ था। लिंगायत-वीरशैव महासभा और भाजपा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। वहीं, उस वक्त भाजपा में रहे पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर ने भी विरोध जताया था।
शेट्टर ने रविवार को दावणगेरे में आयोजित वीरशैव लिंगायत महासभा समारोह में भाग लेकर आंतरिक संप्रदायों की एकता का आह्वान करते हुए कहा था कि जब तक आंतरिक संप्रदायों में खून का रिश्ता नहीं बनता, तब तक एकजुटता संभव नहीं है। आंतरिक संप्रदायों में रिश्ते विकसित होने पर समाज मजबूत हो सकता है। हमारा उद्देश्य वीरशैव और लिंगायत समुदायों को एकजुट करना होना चाहिए।
समाज को बांटने का सवाल ही नहीं उठता
शेट्टर ने कहा कि उन्होंने वीरशैव लिंगायत को अलग करने के विचार का भी विरोध किया है। किसी भी कारण से समाज को तोडऩे का सवाल ही नहीं उठता। रविवार को दावणगेरे सम्मेलन में कुछ प्रस्ताव पारित किए गए हैं तदनुसार वीरशैव लिंगायतों की मांगों के प्रति एकजुटता दिखाई गई है। मंत्री शिवानंद पाटिल की ओर से किसानों के अपमान के मुद्दे पर शेट्टर ने कहा कि वे किसी और के बयान का जवाब नहीं देंगे। यह बात उन्हें ही खुद बतानी चाहिए।
अनुदान के मामले में शेट्टर और महेश टेंगिनकाई के बीच चल रही बयानबाजी के मुद्दे पर शेट्टर ने कहा कि इस बारे में चर्चा करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि वे मेरा सम्मान करते हैं और मुझे ऐसा कराने में कोई दिलचस्पी नहीं है।