“सशक्त” पहल के तहत बधिर बच्चों को दिए श्रवण यंत्र
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने श्रवण यंत्र उपलब्ध कराए
बेलगावी. क्षेत्रीय प्रमुख आरती रौनियार ने कहा कि स्कूल में प्रभावी शिक्षण के उद्देश्य से बैंक की ओर से आवश्यक श्रवण यंत्र उपलब्ध कराया गया है, जिससे छात्रों की सुनने की क्षमता में सुधार और पाठ्यक्रम की बेहतर समझ हो सकेगा।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के “सशक्त” पहल के तहत शुक्रवार को बेलगावी क्षेत्रीय कार्यालय की क्षेत्रीय प्रमुख आरती रौनियार ने शहर के आजम नगर स्थित बधिर बच्चों की सरकारी स्कूल में समूह श्रवण सहायता प्रणाली प्रदान कर बोल रहीं थी। श्रवण बाधित लड़कियों की स्कूल में समूह श्रवण सहायता प्रणाली प्रदान की गई।
जीवन कौशल सीखने में करेगा मदद
उन्होंने कहा कि यह उपकरण विशेषतया सक्षम बच्चों को जीवन कौशल सीखने में मदद करेगा और उन्हें कौशल ज्ञान प्राप्त करने में मदद करेगा ताकि वे सामान्य लोगों की तरह रह सकें और समाज के विकास में योगदान दे सकें।
उन्होंने बच्चों से कहा कि इस उपकरण का सही उपयोग कर वे हममें से एक बन सकेंगे। वे आत्मनिर्भर बन सकेंगें और समाज में गरीमामयी जिंदगी जी सकेंगे।
महिला एवं बाल विकास विभाग की संरक्षण अधिकारी कल्पना तम्मन्नवर ने कहा कि छात्रों को अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने के लिए इन श्रवण यंत्रों का प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहिए। यह उपकरण उन्हें सफल व्यक्ति बनने में मदद करेगा।
स्कूल अधीक्षक श्रीमती मंदाकिनी वांडकर ने श्रवण सहायता प्रदान करने के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को धन्यवाद देते हुए कहा कि बच्चों को प्रभावी ढंग से शिक्षित करने के लिए इस उपकरण का उचित तरीके से उपयोग किया जाएगा।
समाज की मुख्यधारा के साथ जोड़ेगी
मुख्य प्रबंधक नागराज पाटिल ने बैंक ओर से छोटा सा योगदान देने का अवसर प्रदान करने के लिए स्कूल प्रबंधन को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एमडी और सीईओ ए मणिमेखलई की ओर से परिकल्पित एम्पावर हर कार्यक्रम इन संस्थानों के आर्थिक और सामाजिक योगदान को पहचानने और जनसांख्यिकी में उनके प्रयासों का समर्थन करने के लिए एक पहल है। यह पहल बच्चों को उनकी वृद्धि और विकास के लिए लाभ पहुंचने में मदद करेगी। यह पहल इन बच्चों को समाज की मुख्यधारा के साथ जोड़ेगी और इससे सभी को बेहतर अवसर और वातावरण प्राप्त करने में मदद करेगा।