Make democracy festival successfulहुब्बल्ली के भवानी नगर स्थित चिन्मय सेवा समिति ट्रस्ट के चिन्मय विद्यालय में मंगलवार को धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार प्रल्हाद जोशी ने अपनी पत्नी के साथ वोट डाला।

धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र
प्रल्हाद जोशी ने किया मतदान
हुब्बल्ली. धारवाड़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार प्रल्हाद जोशी ने अपनी पत्नी ज्योति, बेटियों अर्पिता और अनुषा के साथ शहर के भवानी नगर स्थित चिन्मय सेवा समिति ट्रस्ट के चिन्मय विद्यालय में वोट डाला।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए जोशी ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का त्योहार है। सभी लोग उत्साह से मतदान करने आ रहे हैं। लोगों के उत्साह को देखते हुए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का तीसरी बार आना तय है। ये वो चुनाव है जो तय करेगा कि पांच साल के लिए देश का भविष्य किसके हाथों में दिया जाएगा। इसलिए सभी को अनिवार्य रूप से मतदान कर लोकतंत्र के पर्व को सफल बनाना चाहिए। हम दूसरे चरण की सभी 14 सीटें जीतेंगे। हर बार मैं बड़े अंतर से जीता हूं। इस बार भी वे अभूतपूर्व अंतर से जीतेंगे।
उन्होंने कहा कि हर चुनाव में वे मेरा छवि खराब करते हैं। मेरा सार्वजनिक जीवन स्वच्छ है। कोई काला धब्बा नहीं है। मैं हर चीज का सामना करता हूं। लोगों ने आशीर्वाद दिया है। इस बार भी करेंगे। कांग्रेस की हालत देखकर लोगों को तरस आ रही है।

डीके शिवकुमार की भी जांच होनी चाहिए

प्रल्हाद जोशी ने कहा कि देवराजे गौड़ा ने उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर प्रज्वल रेवण्णा के पेन ड्राइव मामले के पीछे होने का आरोप लगाया है। एसआईटी को इस संबंध में भी व्यापक जांच करनी चाहिए। प्रज्वल ने गलती की है। यह चौंकाने वाली बात है कि कथित तौर पर उनसे संबंधित वीडियो सामने आए हैं। उनके लिए सहानभिूति व्यक्त करने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए। सरकार सीबीआई से डरती है। राज्य सरकार सीबीआई को नहीं सौंपती है तो संबंधितों को अदालत में जाकर सीबीआई जांच की मांग करनी चाहिए। मामले में महिलाओं के साथ अन्याय हुआ है। इसकी व्यापक जांच होनी चाहिए। किसी को भी निशाना नहीं बनाना चाहिए।
जोशी ने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में ऐसा मामला कभी नहीं हुआ। इसके चलते सीबीआई को सौंपने का सवाल ही नहीं उठा। अब राज्य सरकार इस मामले को सीबीआई को सौंपने से क्यों डर रही है? सीबीआई स्वतंत्र जांच करती है। गलत आरोप लगाने पर कई मामलों में उन्होंने क्लीन चिट भी दे दी है।
उन्होंने कहा कि ये आठ साल पुराने वीडियो बताए जा रहे हैं। पहला वीडियो 21 अप्रेल को सामने आया। फिर भी मामला दर्ज कर गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? उन्होंने उसे भागने क्यों दिया? राज्य सरकार ने इस मामले में गैरजिम्मेदाराना तरीके से काम किया है।

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