बेलगावी. सरकार को कन्नड़ और मराठी के नाम पर संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोकने और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज झूठे मामले वापस लेने की मांग को लेकर महाराष्ट्र एकीकरण युवा समिति ने प्र्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हाल ही में एक कंडक्टर और एक लडक़ी के बीच हुई लड़ाई कन्नड़-मराठी भाषा विवाद में बदल गई। इसे गलत कहकर बयान देने वाले एमईएस नेताओं के खिलाफ बिना किसी कारण के मामला दर्ज किया गया है। इन्हें वापस लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कंडक्टर पर हमले को लेकर दोनों राज्यों में अप्रिय घटनाएं हुईं। विरोध प्रदर्शन हुए। बेलगावी और कोल्हापुर जिलाधिकारियों के बीच आम सहमति बनने के बाद माहौल शांत हो गया है परन्तु महाराष्ट्र की एक बस को कलबुर्गी में फिर से रोक कर हंगामा खड़ा किया गया। यह कानून के खिलाफ है। उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भाषाई अल्पसंख्यक आयोग ने हाल ही में बेलगावी के अपने दौरे के दौरान जिला प्रशासन को निर्देश जारी किया है। सीमा पर भाषाई अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, स्थानीय सरकारी दस्तावेज मराठी में जारी करने चाहिए। यह कानूनी है।
एमईएस के अध्यक्ष शुभम शेलके, कार्याध्यक्ष धनंजय पाटिल, मनोहर हुंदरे, शिवाजी मंडोलकर और अन्य उपस्थित थे।