धारवाड़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए समाज परिवर्तन समुदाय के संस्थापक एसआर हिरेमठ।

एसआर हिरेमठ ने लगाया आरोप
हुब्बल्ली. समाज परिवर्तन समुदाय के संस्थापक एसआर हिरेमठ ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनके रिश्तेदारों ने रामनगर जिले के बिडदी होबली (राजस्व केंद्र) के केतगानहल्ली की गोचर भूमि पर अतिक्रमण किया है।
धारवाड़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हिरेमठ ने कहा कि कुमारस्वामी, उनकी चाची सावित्रम्मा और रिश्तेदार डी.सी. तम्मन्ना परिवार ने जगह पर अतिक्रमण किया है। 5 अगस्त 2014 को राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले की व्यापक जांच के आदेश दिए थे।
उन्होंने कहा कि आदेश में कहा गया है कि गोचर भूमि आवंटन के दस्तावेज नहीं मिलने पर जिनके पास हैं उनके खिलाफ नोटिस जारी कर सरकार को जमीन अपने कब्जे में ले लेनी चाहिए। जिन लोगों ने अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा किया है, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करना चाहिए। कब्जाधारियों का सहयोग करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज करना चाहिए। चार महीने के भीतर जांच पूरी कर कार्रवाई कर अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी चाहिए।
हिरेमठ ने कहा कि हमने पूर्व सांसद जी मादेगौड़ा से सभी दस्तावेज हासिल किए हैं। हमने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया है।
केआरएस पार्टी के रविकृष्णा रेड्डी ने कहा कि हमने कुमारस्वामी और उनके रिश्तेदारों की ओर से अवैध रूप से कब्जा किए गए दस्तावेजों वाली दाखलेगलु माताडुत्तिवे (दस्तावेज बोल रहे हैं)किताब का विमोचन किया है। इस किताब में ईडी घोटाले का विवरण है। एचडी कुमारस्वामी, उनके परिवार और उनके करीबी रिश्तेदार डी.सी. तम्मन्ना तथा उनके परिवार की ओर से अवैध रूप से हासिल की गई 110 एकड़ गोचर जमीन सहित 200 एकड़ जमीन से संबंधित उच्च स्तरीय जांच कर सरकार को जब्त करना चाहिए कहकर रामनगर उपविभागीय अधिकारी की ओर से 25 अगस्त 2014 को लिखा नोट पुस्तक में है।
उन्होंने कहा कि यह जमीन पर कब्जा करने का मामला लगभग 40 साल पुराना है। केतगानहल्ली में कुमारस्वामी ने घर और बगीचे पर अवैध कब्जा कर लिया है। भाजपा सांसद डॉ. सीएन मंजुनाथ की जमीन केतगानहल्ली में है। हलफनामे में इसकी घोषणा की गई है। यह जमीन गोचर से संबंधित की है। इस जगह के बारे में भी जांच होनी चाहिए।
मामलों से संबंधित दस्तावेज गायब हो गए हैं, इसलिए मूल दस्तावेज़ उपलब्ध नहीं हैं। सिर्फ जेडीएस ही नहीं बल्कि भाजपा और कांग्रेस पार्टियां भी इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही थीं। अंदरुनी समझौते की राजनीति चल रही है।
संवाददाता सम्मेलन में लक्ष्मण बक्कई, शमीम रहमत मुल्ला आदि उपस्थित थे।

मुडा भूखंड लौटाएं सीएम

एसआर हिरेमठ ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को मुडा मामले में अपनी पत्नी के नाम पर स्थित भूखंडों को उलटाना चाहिए। ये संपत्तियां सिद्धरामैया की पत्नी के नाम पर हैं। सिद्धरामय्या का यह कहना सही नहीं है कि दस्तावेज और जमीन पर उनके हस्ताक्षर कहीं नहीं हैं। सबसे पहले प्लॉट वापस करने चाहिए। अगला निर्णय संबंधित संस्था और लोगों पर निर्भर है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *