सूखे के बीच एक और झटका, ग्रामीण परेशान
प्रतिदिन बैंक खाते की जांच कर रहे मनरेगा मजदूर
प्रशासन ने मजदूरों के अरमानों पर फेरा पानी
शहर की ओर पलायन, गांव खाली
कोप्पल. ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए मनरेगा के तहत लागू किए गए कार्य का मजदूरों को पिछले तीन महीनों से भुगतान नहीं किया गया है। इसके चलते प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश व्यक्त हो रहा है।
दिहाड़ी मजदूर आज नहीं तो कल मजदूरी मिलने की उम्मीद में अपना खाता चेक कर रहे हैं, परन्तु अभी तक पैसा जमा नहीं हुआ है।
इस वर्ष समय पर बारिश नहीं होने से बोई गई फसलें खराब हो गई हैं, तो वहीं पूरे राज्य से मजदूर बिना काम के ग्रामीण इलाकों को छोडकऱ बेंगलूरु, मुंबई, गोवा आदि जगहों पर काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं।
120687 लोगों की मजदूरी बकाया
पिछले अप्रेल से 19 फरवरी तक जिले में 185733 परिवारों को मनरेगा के तहत का काम दिया गया है। इसमें 396886 मजदूर कार्य में लगे हुए हैं। इनमें एक लाख 20 हजार 687 लोगों के लिए 25.90 करोड़ रुपए मजदूरी आना बाकी है।
100 मानव दिवस सृजित
बताया जा रहा है कि हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से राज्य के 30 जिलों को 74.31 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं परन्तु यह पैसा केवल तीन या चार जिलों के लिए भी पर्याप्त नहीं होगा। भीषण सूखे के बीच पहले ही प्रत्येक मजदूर के 100 मानव दिवस सृजित किए गए हैं।
नहीं मिला केंद्र का जवाब
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से मानव दिवस को 150 तक बढ़ाने की गुहार लगाई है परन्तप इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अब समय पर मजदूरी नहीं मिलने से परिवार के भरण-पोषण की गंभीर समस्या हो गई है।
शहर छोड़ रहे हैं लोग
जिले के ग्रामीण इलाकों में कई लोग पहले ही काम की तलाश में शहर छोड़ चुके हैं। अब ऐसी स्थिति है कि जो लोग घर पर रहकर मनरेगा के तहत काम किया उन्हें भी मजदूरी के बिना जीवन यापन करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है इसके चलते वे भी वे काम की तलाश में गांव छोड़ रहे हैं। कोप्पल तालुक के हट्टी, बहदूरबंडी, कुकनूर तालुक के तलबाल समेत अन्य गांवों से लोगों का पलायन करना आम हो गया है।
जल्द ही मजदूरों के खाते में पैसा जमा किया जाएगा
दिसंबर से मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करना बाकी है। हाल ही में अनुदान जारी किया गया है और मजदूरी का पैसा जल्द ही चरणबद्ध तरीके से सीधे मजदूरों के खाते में जमा किया जाएगा।
–पवनकुमार मालपाटी, आयुक्त, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग, बेंगलूरु
मजदूरी की राशि जारी नहीं की
केंद्र सरकार गरीबों के पक्ष में नहीं है। भीषण सूखे के बीच मानव दिवस को बढ़ाकर 150 दिन नहीं किया जा रहा है। इस बीच, मजदूरी की राशि जारी नहीं की गई है।
-राघवेंद्र हिट्नाल, विधायक, कोप्पल