राज्य में दो हजार से अधिक होमस्टे अवैध!होमस्टे

14 जिलों में 40 फीसदी होमस्टे अवैध

सरकारी दिशा निर्देश का नहीं हो रहा पालन

हुब्बल्ली. कोप्पल जिले के गंगावती तालुक के आनेगोंदी में एक होमस्टे में ठहरी विदेशी पर्यटक महिला के साथ बलात्कार के मामले के बाद राज्य सरकार ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए होमस्टे और रिसॉट्र्स के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं परन्तु राज्य के 14 प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सरकारी नीतियों और नियमों की अवहेलना करते हुए 2,200 से अधिक अनधिकृत होमस्टे, रेस्तरां और रिसॉर्ट खुल गए हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैसूर जिले में दो राष्ट्रीय उद्यानों के बाहरी इलाकों में 20 से अधिक रिसॉर्ट और होटल अवैध रूप से स्थापित हो गए हैं। मैसूर जिले में राज्य में बाघों की सबसे अधिक संख्या है और इस क्षेत्र ने इको-पर्यटन के क्षेत्र में देश का ध्यान आकर्षित किया है, जिससे पर्यावरणविदों में चिंता पैदा हो गई है। कोडगु जिले में 1,200 होमस्टे बिना अनुमति के चल रहे हैं।
14 जिलों में, 40फीसदी अनधिकृत होमस्टे संचालित हो रहे हैं। यह देखा गया है कि कुछ स्थानों पर रिसॉट्र्स और होमस्टे सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार विभिन्न विभागों से अनुमति लेकर संचालित हो रहे हैं, परन्तु अधिकांश के पास पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन से अनुमति नहीं मिली है। हाल ही में राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बिना पंजीकृत अनाधिकृत रिसॉर्ट, होमस्टे, होटल और लॉज को तुरंत पंजीकृत करने को लेकर पुलिस विभाग ने संबंधित जिला क्षेत्रों में बैठक बुलाकर सख्त निर्देश जारी किए हैं।

यहां हैं अनधिकृत रिसॉट्र्स और होमस्टे

उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कोडगु जिले में 4,000 से अधिक होमस्टे पंजीकृत हैं, जिनमें से 1,200 से अधिक की पहचान अनधिकृत के तौर पर की गई है। बेलगावी जिले में परमिट प्राप्त नहीं किए 20 से अधिक अवैध होमस्टे और रिसॉट्र्स को नोटिस जारी किए गए हैं। प्रमुख पर्यटन स्थलों का घर कोप्पल जिले में अनधिकृत होमस्टे का बोलबाला है। पर्यटन विभाग ने जिले में केवल एक होमस्टे को अनुमति दी है परन्तु साणापुरा और आनेगोंदी क्षेत्रों में 70 से अधिक होमस्टे हैं। चिक्कमगलूरु में 100 से अधिक अनधिकृत होमस्टे की पहचान की गई है। विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध ऐतिहासिक हम्पी के आसपास के होमस्टे को संबंधित विभाग से अनुमति नहीं मिली है। हम्पी में 150 से अधिक अनधिकृत होमस्टे की उपस्थिति चिंता का विषय है।

अवैधता का पता लगाने की है चुनौती

अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही स्थानीय लोगों से किसी होमस्टे के बारे में शिकायत प्राप्त होती है, पुलिस विभाग या पर्यटन विभाग के अधिकारी उस स्थान पर जाकर निरीक्षण करते हैं। यदि भूमि व भवन से संबंधित दस्तावेज होमस्टे चलाने वाले मालिक के नाम पर हैं तो उसे नियमानुसार नियमित करने की प्रक्रिया है। होमस्टे बहुत अधिक परेशानी का कारण बनने पर ही स्थानीय लोगों की ओर से शिकायतें आती हैं। अन्यथा, विभाग को कभी पता नहीं चलेगा कि यह अवैध है या वैध। इसलिए, अधिकारी ऑनलाइन सर्च के माध्यम से होमस्टे के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं और अपनी सूची से उसका मिलान कर यह देख रहे हैं कि उन्हें मंजूरी मिली है या नहीं। उन लोगों का पता लगाना मुश्किल है जिन्होंने अपने घरों को होमस्टे में बदल दिया है और ऑनलाइन इसका विज्ञापन नहीं किया है।

कोई कानून और व्यवस्था ही नहीं

बंडीपुर और नागरहोले राष्ट्रीय उद्यानों के किनारों पर अवैध रिसॉर्ट, होमस्टे और आवासीय परिसरों का निर्माण पाया गया है परन्तु यह निराशाजनक है कि संबंधित विभागों के किसी भी अधिकारी ने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसा लगता है जैसे यहां कोई कानून और व्यवस्था ही नहीं है।
कृपाकर सेनानी, वन्यजीव विशेषज्ञ

नोटिस जारी किए हैं

बहुत से लोगों को यह जानकारी नहीं है कि रिसॉर्ट या होमस्टे शुरू करने के लिए उन्हें लाइसेंस लेना आवश्यक है। भूमि का स्वामित्व, वन विभाग, ग्राम पंचायत से अनुमति सहित पर्यटन विभाग के नियमों का पालन करना आवश्यक है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, इन नियमों का पालन न करने वालों को नोटिस जारी किए गए हैं।
सौम्या बापट, संयुक्त निदेशक, पर्यटन विभाग, बेलगावी

क्या कहते हैं सरकारी दिशानिर्देश?

-होमस्टे को प्रशासन से अनुमति लेनी चाहिए।
-पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। किसी भी दुर्घटना के लिए होमस्टे मालिक ही जिम्मेदार होंगे।
-प्रत्येक रिसॉर्ट और होमस्टे से स्थानीय दर्शनीय स्थलों की सूची एकत्रित करना
-होमस्टे और रिसॉट्र्स में सुरक्षित स्थानों की गारंटी

यह अवैध कैसे है?

-सरकारी अनुमति के बिना संचालन
ृ-होमस्टे में बुनियादी ढांचे की कमी
-पर्यटकों में सुरक्षा की भावना का अभाव

किस जिले में कितने?

कोडगु में 1,200
मंड्या में 220
बल्लारी में 150
कोप्पल में 140
उडुपी में 120
चिक्कमगलूरु में 100
हासन में 30
मैसूर में 30
बेलगावी में 20
रामनगर में 16
चिक्कबल्लापुर में 14
कलबुर्गी में 5

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