सार्वजनिक स्थानों पर मच्छरों का प्रकोप ज्यादा
तापमान बढऩे से मच्छरों का प्रकोप कम होने की उम्मीद ग़लत हुई
हुब्बल्ली. हुब्बल्ली-धारवाड़ जुड़वां शहरों में मच्छरों की भरमार है, जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। वातावरण में तापमान बढऩे से मच्छरों का प्रकोप कम होने की उम्मीद ग़लत हुई है। इस वर्ष पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। छोटे-छोटे गड्ढों एवं निचले इलाकों में जल जमाव का मौका भी नहीं आया है। इसके बावजूद मच्छरों के प्रकोप पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है।
बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों पर मच्छरों का प्रकोप कुछ ज्यादा ही है। मच्छरों के काटने से बचने के लिए अपने हाथों और पैरों को ढककर रखना पड़ रहा है। कूड़े के ढेर, नालियों, लकड़ी की टोकरियों, अप्रयुक्त संग्रहीत वस्तुओं, बिस्तरों के कवर और पशुओं के बीच मच्छर समूहों में उड़ते देखाई देते हैं।
हुब्बल्ली की नालियों में भरी गाद नियमित रूप से साफ न होने के कारण मच्छरों का प्रजनन स्थल बन गई है।
रिहायशी इलाकों में साफ-सफाई रखने पर भी मच्छरों पर काबू पाना नामुमकिन हो गया है। घर के पास जहां खुली नाली हो वहां दिन रात दरवाजे और खिड़कियां बंद करने की अनिवार्यता है। शहरी नाले से सटे आवासीय इलाकों में, जहां बड़ी संख्या में गरीब लोग रहते हैं उन झुग्गी-झोपडिय़ों में मच्छरों के प्रकोप के कारण लोग चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं।

नगर निगम ने नहीं की कार्रवाई
लोगों का आरोप है कि मच्छरों का प्रकोप चरम पर होने के बावजूद हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम नहीं जागा है। सामान्य दिनों में की जाने वाली कार्रवाई को ही जारी रखा है। केवल झुग्गी-झोपडिय़ों की नालियों में अक्सर फॉगिंग की जा रही है परन्तु मच्छरों पर नियंत्रण के लिए व्यापक उपाय नहीं किए जा रहे हैं। हुब्बल्ली समेत विभिन्न स्थानों पर मच्छरों के प्रकोप पर काबू पाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर संबंधित अधिकारी समन्वय बनाकर काम नहीं कर रहे हैं। महानगर निगम में कितनी फॉगिंग मशीनें हैं? कितने दिनों में एक बार फॉगिंग की जाती है? कितने कर्मचारियों की तैनाती की गई है, इस बारे में किसी भी अधिकारी को पता नहीं है। नगर निगम के जोनल कार्यालयों को फॉगिंग मशीन खरीदने और केमिकल छिडक़ाव की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। वे हर दिन फॉगिंग की तस्वीरें भेज रहे हैं, यह नगर निगम आयुक्त कार्यालय के कर्मचारियों का स्पष्टीकरण है। इस बारे में जब झुग्गी-झोपडिय़ों में पूछा गया तो जवाब मिला कि फॉगिंग नहीं की है।

लार्वा सर्वेक्षण तक सीमित
जिला निगरानी विभाग (डीएसओ) को मच्छरों के प्रकोप पर अध्ययन कर जिला स्वास्थ्य अधिकारी के माध्यम से शहरी स्थानीय निकायों को उठाए जाने वाले उपायों के बारे में सूचित करना चाहिए था परन्तु बरसात का मौसम खत्म होने के बाद भी वे आज भी पिछले साल अक्टूबर में हुए लार्वा सर्वेक्षण और मछली छडऩे के कार्यक्रम की रिपोर्ट ही बता रहे हैं। मच्छरों के प्रकोप को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

अब तक नहीं की कोई कार्रवाई
हुब्बल्ली के चैतन्य नगर निवासी अशोक पाटिल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हमने सोचा कि गर्मियों में मच्छर कम हो जाएंगे परन्तु मच्छर बढ़ते ही जा रहे हैं। मुझे नहीं पता क्या करना है। उम्मीद थी कि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम अब मच्छरों के प्रकोप पर काबू पाने के लिए कुछ करेंगे। अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। मच्छरों के नियंत्रण से संबंधित हुब्बल्ली के लोगों को कोई सलाह, निर्देश देने का काम नहीं किया है।

अतिरिक्त खर्च
विद्यानगर निवासी वेंकटेश कुलकर्णी का कहना है कि पता नहीं कि मच्छर कहां से आ रहे हैं। घर और आसपास साफ-सफाई होने के बावजूद भी मच्छर आ रहे हैं। मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए लोगों को अतिरिक्त पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। मच्छर कॉइल, मच्छर बत्ती, मच्छर भगाने वाले बल्ले, मच्छरदानी, और कई अन्य मच्छर नियंत्रण उपकरण अब अधिक बिक रहे हैं। घरेलू उपयोग की मार्केटिंग की जाने वाली वस्तुओं में इन्हें शामिल किया गया है। मच्छरों को भगाने का कोई स्थायी समाधान नहीं है। गरीब और मध्यम वर्ग के लोग मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए बार-बार खर्च नहीं कर सकते। इसके चलते वे आराम से सो नहीं पाने के कारण स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं।

6 महीने में एक बार फॉगिंग!
हमने छह महीने पहले फॉगिंग की गई थी और अब पिछले हप्ताह ही फॉगिंग की है। फॉगिंग मशीन की मरम्मत नहीं होने के कारण हमने सरकारी अस्पताल की फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल किया है। कस्बे में 19 वार्ड हैं और सफाई कर्मचारियों की कमी है। सप्ताह में एक बार हम नाली की सफाई कर मेलाथिन पाउडर का छिडक़ाव करते हैं। लोग साफ-सफाई रखने में सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस वजह से मच्छरों की संख्या बढ़ गई होगी।
जानकी एम. बल्लारी, कनिष्ठ स्वास्थ्य निरीक्षक, नगर पंचायत, कुंदगोल

मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
धारवाड़ शहर के नेहरू नगर, कोलीकेरे क्षेत्र, जन्नत नगर सहित कई इलाके मच्छरों से त्रस्त हैं। मच्छरों की समस्या पर नियंत्रण के लिए नगर निगम ने ध्यान दिया है। कुछ जगहों पर फॉगिंग कराई गई है। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करने तथा घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। लक्ष्मीसिंगनकेरे, सरस्वतीपुरम, नेहरू नगर आदि जगहों पर फॉगिंग की गई है। पवनगिरि, जयनगर झील क्षेत्र में सीसी टीवी कैमरा लगाया गया है। सडक़ किनारे कूड़ा फेंकने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। धारवाड़ में 80 स्थानों पर सीसी टीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव सौंपा गया है। स्वच्छता पर जोर दिया गया है।
-फरीदा नदाफ, पर्यावरण अभियंता, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम

बीमारी की समस्या बढ़ गई है
बीमारी का इलाज करने वाले अस्पतालों में भी मच्छरों के काटने की समस्या है। जिन अस्पतालों में बगीचे और लॉन हैं, वहां मच्छरों का प्रकोप नियंत्रण में नहीं आ रहा है। मच्छरों के काटने से झुग्गी-झोपडिय़ों के लोग बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। संदिग्ध डेंगू बुखार के इलाज के लिए बड़ी संख्या में मरीज किम्स आ रहे हैं। बुखार व अन्य समस्याओं से पीडि़त लोग इलाज के लिए आ रहे हैं। डेंगू का पता नहीं चला है परन्तु नियमित जांच की प्रक्रिया जारी है।
डॉ. एफ.एस. कम्मर, निदेशक, किम्स

कर्मचारियों को दिया निर्देश
मच्छरों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम की ओर से फॉगिंग की व्यवस्था अपनाई गई है। इसके लिए जोनल वार कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है।
डॉ. ईश्वर उल्लागड्डी, आयुक्त, हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम

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