हुब्बल्ली. साध्वी सूर्यप्रभा, साध्वी पूर्णप्रभा आदि ठाणा की निश्रा में दादावाडी ट्रस्ट और मोकलसर जैन संघ हुब्बल्ली की ओर से क्रिया दिनेशकुमार टीमरेचा मोकलसर का जिनकुशलमूरि दादावाडी में अभिनन्दन और बहुमान किया गया।
इसमे बड़ी संख्या में हुब्बल्ली जैन संघ के सदस्य उपस्थित थे। इस अवसर पर मुमुक्षु क्रिया टीमरेचा ने कहा कि उनके मन में भाव आया कि उन्हें अपनी आत्मा का कल्याण करना है। इस संसार में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसमें रहा जा सके इसलिए उन्होंने संसार छोडक़र संयम का मार्ग चुना। संयम जीवन बेशक कांटों की राह होती है परन्तु जब सिर पर सदगुरु का हाथ हो तो कांटो की राह भी फूलो के एहसास में बदल जाती है।
मुमुक्षु ने हुब्बल्ली संघ के सदस्यों से 24 मार्च 2025 को मोकलसर पहुंचकर उनकी दीक्षा को सफल बनाने का अनुरोध किया। मुमुक्षु क्रिया टीमरेचा की दीक्षा खरतर गच्छाधिपति आचार्य मणिप्रभसूरीश्वर की निश्रा में और साध्वी कल्पलताश्री के सानिध्य में मोकलसर में होगी।
इस अवसर पर आचार्य जिनमणिप्रभसूरीश्वर की प्रेरणा और आदेशानुसार और साध्वी सूर्यप्रभाश्री आदि ठाणा की निश्रा में श्री खरतरगच्छ दादावाडी संघ के गठन का निर्णय लिया गया। साध्वी हर्षप्रभाश्री ने खरतरगच्छ के स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि खरतरगच्छ समस्त गच्छों में प्राचीनतम गच्छ है। जिस प्रकार इसका स्वर्णिम इतिहास है उसी प्रकार हमें इसका स्वर्णिम भविष्य बनाना है। गच्छ कोई विभाजन नहीं अपितु सुन्दर आराधना के लिए एक व्यवस्था है। हमने खरतरगच्छ दादावाडी संघ बनाने का निर्णय लिया है वो व्यवस्था के लिए है। हम जैन मरुधर संघ हुब्बल्ली के संग बने रहेगे।
इस अवसर पर जिनकुशल युवा मंच, श्वरतरगच्छ युवा परिषद जिनकुशल महिला मंडल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे। मंच का संचालन पुखराज कवाड ने किया। कार्यक्रम के अंत में भोजन के लाभार्थी लालचन्द टीमरेचा मोकलसर का अभिनन्दन किया गया।
यह जानकारी मागीलाल बाफना ने दी।
