‘अक्का पडे’ का गठन, जागरूकता और सुरक्षा पर रहेगा जोर
मेंगलूरु. राज्य सरकार ने छात्राओं, युवतियों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने तथा उनमें जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से ‘अक्का पडे’ (बहन दस्ते) नामक विशेष दल बनाने का निर्णय लिया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग संयुक्त रूप से इस टीम का गठन करेंगे। बीदर जिले में पहले ही ‘अक्का पडे’ सफलतापूर्वक लागू किया गया है, जहां यह टीम स्कूल-कॉलेजों में जाकर बाल विवाह, बालिकाओं पर अत्याचार, नाबालिगों से दुष्कर्म, पॉक्सो कानून की जानकारी तथा महिला सुरक्षा संबंधी विषयों पर जागरूकता फैलाने का काम कर रही है। वहां महिलाओं पर अपराध की घटनाएं घटने का दावा किया गया है।
अब इस योजना को मेंगलूरु, बेलगावी और मैसूरु में दूसरे चरण के रूप में लागू किया जाएगा। मेंगलूरु में पहले से कार्यरत ‘अब्बक्का पडे’ से यह टीम अलग होगी। ‘अक्का पडे’ में महिला पुलिसकर्मी, एनसीसी कैडेट और महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला कर्मचारी शामिल होंगी।
क्या होगा ‘अक्का पडे’ का काम?
-स्कूल-कॉलेज और छात्रावासों में जाकर बाल विवाह, महिला उत्पीडऩ, नाबालिगों पर अपराध रोकथाम पर जागरूकता।
-महिलाओं को हेल्पलाइन नंबरों (पुलिस सहायता (हेल्पलाइन) – 112, बाल सहायता (हेल्पलाइन) – 1098) की जानकारी।
-महिलाओं और छात्राओं में यह भरोसा जगाना कि “आपकी सुरक्षा के लिए हम हैं।”
‘अब्बक्का पडे’ का अनुभव
मेंगलूरु में पुलिस आयुक्त एन. शशिकुमार के कार्यकाल में ‘अब्बक्का पडे’ का गठन हुआ था। इसमें 50 महिला पुलिसकर्मी शामिल थीं और यह टीम सार्वजनिक स्थानों पर छेडख़ानी, उत्पीडऩ, अवैध गतिविधियों और चोरियों पर नजर रखती थी। शुरुआत में अच्छा काम करने के बावजूद, कर्मियों के तबादले और अधिकारियों के परिवर्तन के कारण यह टीम धीरे-धीरे निष्क्रिय होकर समाप्त हो गई।
सरकार से आदेश मिलते ही, टीम का गठन
अक्का पडे के गठन के संबंध में सरकार ने निर्णय लिया है, परन्तु अब तक कोई औपचारिक निर्देश नहीं मिला है। सरकार से आदेश मिलते ही, टीम का गठन किया जाएगा।
–मिथुन एच.एन., पुलिस उपायुक्त, मेंगलूरु
