डिजिटलीकरण की ओर बढाया कदम
टेंडर प्रक्रिया खत्म होते ही शुरू हो जाएगी तैयरी
मरीजों को भटकने से मिलेगी राहत
हुब्बल्ली. अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदार (सहायक) एक तरफ से दूसरी तरफ, इस तरफ से उस तरफ चक्कर लगाकर परेशान होते हैं। शहर के किम्स (कर्नाटक चिकित्सा विज्ञान संस्था) अस्पताल ने इस व्यवस्था को समाप्त करने का फैसला किया है।
हां, अब से मरीज कोई भी जांच करा रहे हों इसके लिए उनके तीमारदारों को रिपोर्ट के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। सब कुछ आपकी उंगलियों पर प्राप्त होने वाले एक प्रणाली लागू की जा रही है।
किम्स के अस्पताल में भर्ती मरीज को एक छोटा सा रक्त परीक्षण करना पड़ा तो भी उनके तीमारदारों को रिपोर्ट के लिए बहुत दौड़-धूप लगाने की स्थिति कई वर्षों से थी। यह एक नौसिखिया की की तरह था जो किम्स को नहीं जानने वालों का हालत तो बहुत खराब हो जाती थी, इनके की स्थिति तो भगवान भरोसे थी। रोगियों और उनके सहायकों को होने वाली समस्याओं के लिए स्वयं डॉक्टरों के ही तरस खाने की कई घटनाएं घटी हैं। जनता की सभी समस्याओं को खत्म करने के उद्देश्य से किम्स ने डिजिटलीकरण की ओर कदम बढ़ाया है।

प्रयोगशालाओं में की गई है कंप्यूटर की व्यवस्था
कंप्यूटर विभाग के अन्नप्पगौड़ा पाटिल ने बताया कि खून की जांच रिपोर्ट कंप्यूटर में दर्ज कर उसे मरीज के मोबाइल फोन पर भेजने की तकनीक को किम्स अस्पताल में शुरू करने की योजना है। इस सॉफ्टवेयर के कार्यान्वयन से संबंधित कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए निविदा प्रक्रिया आयोजित की जा रही है। जल्द ही निविदा आमंत्रित की जाएगी। निविदा प्राप्त कंपनी सॉफ्टवेयर का कार्यान्वयन करेगी, इसके लिए पूरक तौर पर अस्पताल की सभी प्रयोगशालाओं में कंप्यूटर की व्यवस्था की गई है।

कागजी रिपोर्ट लेने की जरूरत नही
उन्होंने बताया कि नया सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के बाद लैब तकनीशियन प्रत्येक रिपोर्ट मरीज की ओर से दर्ज किए गए मोबाइल फोन पर भेजेंगे। समय-समय पर जांच के लिए आने वाले डॉक्टर या लगातार वार्ड में मौजूद पीजी के छात्रों को रिपोर्ट मोबाइल पर दिखाना ही काफी है। दोबारा कागजी रिपोर्ट लेने की जरूरत नहीं। उस तरह की व्यवस्था लाई जा रही है।

वेंडिंग मशीन
मोबाइल पर मैसेज भेजने के साथ ही ब्लड रिपोर्ट का प्रिंटआउट लेने की भी व्यवस्था की गई है। इसके लिए अस्पताल के चयनित स्थानों पर कियोस्क (वेंङ्क्षडग) मशीनें लगाई जाएंगी। रक्त का नमूना देते समय लैब कर्मी की ओर सेदिए गए विशिष्ट नंबर को कियोस्क में दर्ज कर प्रिंटआउट भी प्राप्त किया जा सकता है।

ऑनलाइन ओपीडी पर्ची
ऑनलाइन सेवाओं के लिए राज्य के सरकारी अस्पतालों के लिए एक आदर्श बने किम्स में पहले ही आउट पेशेंट विभाग में डॉक्टर से मुलाकात के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था उपलब्ध की गई है।

ऑनलाइन पर ही मांग सूची
अस्पताल के विभिन्न विभागों के लिए आवश्यक सभी वस्तुओं का मांग (डिमांड) प्रस्ताव ऑनलाइन जमा करने की व्यवस्था लागू की गई है। दवा, स्टेशनरी सहित आवश्यक आवश्यकताओं की सूची सप्ताह में एक बार ऑनलाइन जमा करनी चाहिए। इससे पहले इंडेंट बुक पर संबंधित विभाग के प्रमुखों, वार्ड प्रभारियों आदि कई स्तरों पर हस्ताक्षर कर स्टोर को देना होता था। ऐसी प्रक्रिया के लिए चार महीने की छुटकारा मिल गया है।

कंप्यूटर पर ही रिपोर्ट
एक्स-रे से संबंधित व्यवस्था को ऑनलाइन किया गया है। मरीज का एक्स-रे, स्कैन कराने के बाद कुछ ही मिनटों में रिपोर्ट संबंधित वार्ड के कंप्यूटर पर भेज दी जाती है। किम्स ने पहले की तरह एक्स-रे/स्कैन फिल्म के लिए इधर-उधर चक्कर लगाने से छुटकारा दिलाया है। बदलाव के हिसाब से किम्स में बदलाव किए जा रहे हैं। इसके अनुरूप अस्पताल में रोगी सहायकों को भटकने से बचाने के लिए लैब रिपोर्ट मोबाइल पर भेजने की व्यवस्था की गई है। टेंडर प्रक्रिया खत्म होते ही इसे शुरू किया जाएगा। ओपीडी सेवा पहले ही ऑनलाइन कर दी गई है।
डॉ. एस.एफ. कम्मार, निदेशक, किम्स, हुब्बल्ली

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