अवैध खनन करने वालों पर अब जुर्माने का संकट!

बल्लारी. अवैध खनन कर सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले खान मालिकों पर अब एक और संकट टूट पड़ा है। अदालतों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे इन खनिकों को अब राज्य सरकार की नई कानून व्यवस्था के तहत भारी-भरकम जुर्माना भी चुकाना होगा।

खनन नगरी बल्लारी लंबे समय से अवैध खनन की बदनामी झेल रही है। सरकार ने अब “वसूली आयुक्त की नियुक्ति” विधेयक पारित किया है, जिसके तहत अवैध खनन और अपराध से अर्जित संपत्ति जब्त की जा सकेगी। विधानसभा और विधान परिषद से पारित यह कानून अवैध खनन करने वाले दिग्गज खान मालिकों की मुश्किलें और बढ़ाने वाला साबित होगा।

खनन का इतिहास

सन् 2000 से बल्लारी जिले में खनन का जोर शुरू हुआ। 2004 से 2011 तक वैध और अवैध दोनों तरीकों से खनन कर खनिकों ने राजस्व भुगतान से बचते हुए सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचाया। लोकायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर कई राजनीतिक नेताओं, खान मालिकों और परिवहनकर्ताओं पर मामले दर्ज हुए। कई ने जेल की हवा खाई और आज भी अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। कई मामलों में आरोप साबित होकर सजा भी सुनाई गई, परन्तु जुर्माने की वसूली नहीं हो सकी। अब नए कानून से राजनेताओं सहित अवैध खनन करने वाले खान मालिकों में दहशत फैल गई है। अनुमान है कि जुर्माना वसूली से करीब 80 हजार करोड़ रुपए इक_े किए जा सकते हैं।

सरकार को पैसा मिलेगा तो अच्छा है

राज्य सरकार अगर अवैध खनन करने वालों से जुर्माना वसूलने का कानून लाती है तो उसका स्वाग करते हैं। सरकार को पैसा मिलेगा तो अच्छा ही है।
संतोष लाड, श्रम मंत्री

ठेकेदारों पर भी जुर्माना

भाजपा, कांग्रेस और जेडीएस के नेता इसमें प्रमुख हैं। बेलकेरी बंदरगाह से विदेशों में लौह अयस्क भेजने वालों और ठेकेदारों पर भी जुर्माना लगाने की नौबत आएगी।
श्रीशैल आल्दल्ली, आंदोलनकारी, संडूर

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