पुराने सरकारी वाहनों को नहीं मिली मुक्ति कलबुर्गी के स्कूल शिक्षा विभाग उपनिदेशक कार्यालय परिसर में पुराने वाहन।

910 पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द

कंकाल की तरह खड़े वाहन

कबाडख़ाना नजर आ रहे हैं सरकारी कार्यालय

कलबुर्गी. सरकारी अधिकारियों को प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए उपलब्ध कराए गए कई वाहन विभागों के कार्यालय परिसरों में ही खड़े खड़े जंग खा रहे हैं। कंकाल की तरह खड़े पुराने वाहन अजीब सा माहौल दे रहे हैं, जिससे संदेह पैदा हो रहा है कि यह कोई सरकारी कार्यालय या कबाडख़ाना है।

अधिकारियों की आवाजाही, दस्तावेजों और उपकरणों का परिवहन, अपशिष्ट निपटान और विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार समेत सार्वजनिक सेवा के लिए विभिन्न प्रकार के 1,707 सरकारी वाहन जिले में हैं। इनमें से 789 वाहन चालू हालत में हैं, जबकि 15 वर्ष से अधिक पुराने 910 वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) रद्द हुए हैं। केवल तीन पुराने वाहन जब्त कर नीलाम किए गए हैं तथा 9 वाहनों के लिए एनओसी दिया गया है।

जंग खा रहे वाहन

जिलाधिकारी कार्यालय, स्कूल शिक्षा विभाग उपनिदेशक कार्यालय, जिला अस्पताल परिसर, जिला पशु चिकित्सालय, पंचायत राज अभियांत्रिकी विभाग परिसर, परेड ग्राउंड समेत कई कार्यालयों के परिसर में जीप, एंबुलेंस, पानी के टैंकर, क्वालिस, मिनी बस, छोटे मालवाहक ट्रक और क्रूजर जैसे वाहन जंग खा रहे हैं।

निपटान के लिए पहल नहीं कर रहे अधिकारी

अधिकांश वाहन बारिश और धूप के कारण जंग खा गए हैं और उनका रंग उड़ गया है। कुछ वाहन वर्षों से अप्रयुक्त पड़े हैं और जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं। वाहनों के बाहरी हिस्से, टायरों के लोहे के पहिये भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कंकाल जैसे दिख रहे हैं परन्तु जनता इस बात से नाराज है कि कोई भी अधिकारी इनके निपटान के लिए पहल नहीं कर रहे हैं।

खड़े-खड़े सड़ रहे पुराने वाहन

क्षेत्रीय परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि कुछ वाहनों को चलने का समय समाप्त होने के बाद खड़े किए जाते हैं। कुछ और वाहनों को मामूली मरम्मत के लिए रोका जा रहा है। जो अधिकारी नए वाहन चाहते हैं, वे पुराने वाहनों की मरम्मत पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। जैसे-जैसे वाहन पुराने होते जाते हैं और उनमें खराबी आती जाती है, नए वाहनों की मांग बढ़ती जाती है। पुराने वाहन खड़े-खड़े सड़ रहे हैं।

परमीट रद्द होते ही नीलामी करें

लोगों का कहना है कि कबाड़ बने वाहन वर्षों से एक ही स्थान पर पड़े रहेंगे तो दिन बीतने के साथ ही उनके स्पेयर पार्ट्स भी गायब होने की संभावना रहती है। जैसे-जैसे वे धीरे-धीरे जंग खाते हैं, नीलामी में उनका मूल्य भी घटता जाता है। संबंधित अधिकारियों को अवधि समाप्त हो चुके, परमीट रद्द होने के तुरंत बाद उनकी नीलामी करनी चाहिए।

निपटान के लिए नहीं आधिकारिक स्क्रैपिंग एजेंसी

पुराने सरकारी वाहनों के उचित निपटान के लिए जिले में कोई आधिकारिक स्क्रैपिंग एजेंसी नहीं होने से पुराने वाहन कार्यालय परिसर में सड़ रहे हैं।

कबाड के नियम सौंपते हैं

परिवहन अधिकारियों के कार्यालय के कर्मचारी रतन कुमार संकन्नवर का कहना है कि वर्तमान स्थिति में निपटान के लिए जो मूल्य निर्धारित किया जा सकता है, उसे वरिष्ठ या मोटर वाहन निरीक्षक की ओर से निर्धारित किया जाता है और पुष्टि पत्र जारी किया जाता है। 15 वर्ष से अधिक पुराने सरकारी वाहनों की आर.सी. स्वत: ही रद्द होती है। अधिकारी के आने पर भी वे इसका नवीनीकरण नहीं करेंगे। हम उन्हें कबाड के नियम सौंपते हैं।

कोई भी एजेंसी आगे नहीं आई

संबंधित विभाग के अधिकारियों को वैधता समाप्त हो चुके पुराने सरकारी वाहनों के संबंध में जिलाधिकारी को पत्र लिखना चाहिए। जिलाधिकारी वाहनों के मूल्य के आधार पर नीलामी प्रक्रिया आयोजित करते हैं परन्तु कलबुर्गी में खड़े कबाड़ वाहनों के निपटान के लिए कोई भी एजेंसी आगे नहीं आई है।
वीरेंद्र, क्लर्क, परिवहन अधिकारी कार्यालय, कलबुर्गी

जिलाधिकारी के ध्यान में लाया जाएगा

अनुपयोगी वाहनों के निपटान के लिए निविदाएं आमंत्रित करनी चाहिए। यह मामला जिलाधिकारी के ध्यान में लाया जाएगा।
आनंद पार्थनल्ली, उप परिवहन आयुक्त और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कलबुर्गी संभाग

………..

बेकार वाहनों का निपटान कैसे करें?

सरकार के अधीन सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि विभिन्न सरकारी विभागों में अप्रयुक्त वाहन विभागाध्यक्षों के सीधे नियंत्रण में होते हैं। इसके चलते संबंधित विभागाध्यक्षों को वाहनों के निस्तारण के लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों के माध्यम से वाहनों का मूल्यांकन कराना चाहिए। निस्तारित वाहनों को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार से अनुपयोगी होने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद निविदा एवं नीलामी के माध्यम से निस्तारित करना चाहिए। कबाड़ वाहन के लिए आवेदन में पंजीकरण संख्या, वाहन का मॉडल और नाम, चेसिस नंबर, इंजन नंबर और तय की गई किलोमीटर, पंजीकरण की तिथि और पूरा होने का वर्ष, आज तक की मरम्मत की लागत, माइलेज, वाहन की स्थिति और मरम्मत की आवश्यकता होने पर अनुमानित लागत, निर्धारित 2 लाख किमी. परिचालन को पूरा करने के बाद, अब परिचान किए गए विवरण भरने चाहिए।

………..बॉक्स में लगाएं
कुल वाहन
कुल सरकारी वाहन – 1,707
कार्यरत – 789
जब्त किए निलामी वाहन – 03
एनओसी दिए – 09
आरसी रद्द – 910
(जानकारी – कलबुर्गी संभाग के उप परिवहन आयुक्त एवं प्रादेशिक परिवहन कार्यालय)

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कबाड के बाद प्रमाण पत्र सौंपने के लिए मिलने वाली छूट (एक्स शोरूम दरों में)

नए दोपहिया वाहन

दाम — छूट राशि
एक लाख तक — 1000
1 से 2 लाख — 2000
2 से 3 लाख — 3000
3 से 4 लाख — 4000
4 से 5 लाख — 5000

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चौपहिया वाहन

दाम — छूट राशि
5 लाख तक — 10,000
5 से 10 लाख — 20,000
10 से 15 लाख — 30,000
15 से 20 लाख — 40,000
20 लाख से ऊपर — 50.000
(ट्रैक्टर समेत भवन निर्माण मशीनों पर 10 प्रतिशत कर छूट, माल परिवहन वाहनों के लिए 10 प्रतिशत कर छूट और आटो रिक्शा के लिए 500 रुपए कर में छूट रहेगी।)

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प्रमुख वाहनों की वर्तमान स्थिति

वाहन — कार्यरत — आरसी रद्द — एनओसी — कुल
एम्बुलेंस — 91 — 37 — 01 — 128
बस — 19 — 327 — 00 — 346
मालवाहक — 147 — 22 — 01 — 170
दोपहिया — 113 — 146 — 00 — 260
चौपहिया — 317 — 304 — 03 — 625
ओमनी बस — 10 — 47 — 00 — 57
निजी सेवा — 18 — 05 — 00 — 23

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