बिना मंजूरी के बिल का भुगतानधारवाड़ मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान।

टेंडर में अनियमितता का संदेह

हुब्बल्ली. धारवाड़ मानसिक स्वास्थ्य एवं तंत्रिका विज्ञान संस्थान (डिम्हान्स) से प्रशासनिक मंजूरी लिए बिना ही टेंडर के जरिए 98.67 लाख रुपए की मेडिकल और अन्य सामग्री खरीदी गई है। टेंडर अवैध रूप से मंगाए गए और बिना अनुमति के ठेकेदारों को पैसे दिए गए हैं। इस संबंध में निदेशक ने अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

वाईफाई राउटर, टीवी और एसी सहित दस से अधिक सामान बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदे गए, जिससे अनियमितताएं होने का संदेह व्यक्त किया गया है। संस्था के वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के बिना बिल का भुगतान किया गया है तथा दूसरी ओर सामग्री बाजार दर से अधिक कीमत पर आपूर्ति करने से संदेह पैदा हुआ है। डिम्हांस के निदेशक की अध्यक्षता में 18 जनवरी को आयोजित बैठक में इस मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई है।

उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया

संस्था के वित्तीय सलाहकार एवं मुख्य लेखाकार प्रदीप कुमार ने संस्था के निदेशक अरुण कुमार सी. को 28 जनवरी को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि उनके ध्यान में लाए बिना और फाइल प्रस्तुत किए बिना ही बिल का भुगतान किया गया है। वित्त समिति की ओर से अनुमोदित राशि से अधिक धनराशि का भुगतान किया गया है। कुछ वस्तुओं का बिल बाजार मूल्य से अधिक लगाया गया है। संबंधित अधिकारी और कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगना चाहिए तथा उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

टेंडर प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) परियोजना की माह के अंत में की गई लेखापरीक्षा में पाया गया कि सात वस्तुओं की खरीद के बिलों का भुगतान अवैध रूप से किया गया था। 5 लाख रुपए से अधिक मूल्य की सामग्री खरीदने के लिए सरकार के जेम पोर्टल पर ही निविदाएं आमंत्रित करनी चाहिए। इससे पहले फाइल को ऑफिस नोट के साथ कंटेंट एडमिनिस्ट्रेटर के माध्यम से ऑफिस सुपरिंटेंडेंट, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, वित्तीय सलाहकार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी और निदेशक के पास जमा कर मंजूरी लेनी होती है, परन्तु इस टेंडर प्रक्रिया में इनमें से किसी का भी पालन नहीं किया गया है।

सीधे पैसे का भुगतान किया

जेम पोर्टल पर निविदा आमंत्रित होने के बाद तकनीकी बिड व वित्तीय बिड खुलने के दौरान भी फाइल प्रस्तुत किए बिना ही निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर सामग्री आपूर्ति का आदेश दिया गया। संबंधित अधिकारियों की ओर से बिलों की समीक्षा करने के बाद, फाइल को कार्यालय नोट के साथ अनुमोदित किया जाना चाहिए और नकद शाखा को भेजना चाहिए। बिल भुगतान के संबंध में सरकारी खजाने के सॉफ्टवेयर (ए2) में रोल मैपिंग (पूर्ण सत्यापन) की जाती है परन्तु इस निविदा में कोई भूमिका मैपिंग नहीं की गई थी और चिकित्सा शिक्षा विभाग की मंजूरी प्राप्त करने के बाद सीधे पैसे का भुगतान किया गया है।

बाजार कीमत से अधिक बिल

बाजार में दो वाईफाई राउटर की कीमत जीएसटी सहित 8,270 रुपए है। उनसे 30,000 रुपए का बिल लिया गया है। 55 इंच के 15 एलईडी टीवी की कीमत 3.97 लाख रुपए है और इनके लिए 4.64 लाख रुपए का बिल जमा किया गया है। 25 एसी स्प्लिट्स का बाजार मूल्य 9.50 लाख है, और उनके लिए 17 लाख का बिल जमा किया गया है। इन तीनों उपकरणों की आपूर्ति एक ही कंपनी की ओर से 22.85 लाख रुपए में की गई है, तथा डिमहांस ने अभी तक भुगतान नहीं किया है।

18 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान!

वित्त समिति की बैठक में 3.50 लाख रुपए की लागत से न्यूरोसाइकोलॉजी टेस्ट बैटरी खरीदने को मंजूरी दी गई, जिसे निविदा के तहत 9.50 लाख रुपए में खरीदा गया। अतिरिक्त 6 लाख रुपए दिए गए। इसी तरह बायोफीडबैक उपकरण 4.50 लाख रुपए की जगह 7.33 लाख रुपए में खरीदा गया और 2.83 लाख रुपए अतिरिक्त दिए गए। संज्ञानात्मक प्रशिक्षण सॉफ्टवेयर के लिए सहमत 4 लाख रुपए के स्थान पर, अतिरिक्त 9 लाख रुपए में खरीदी गई है।

नियमों का किया उल्लंघन

मुख्य लेखाकार प्रदीप कुमार ने निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि पिछले दो वर्षों में 70 एयर कंडीशनिंग (एसी) मशीनें खरीदकर स्टॉक की जा चुकी हैं। इसके बाद भी 25 एसी मशीनें बाजार मूल्य (42 हजार रुपए) से अधिक कीमत पर, यानी प्रत्येक को 68 हजार रुपए (कुल 17 लाख रुपए) में खरीदी गईं। इस लेनदेन में राज्य वित्तीय संहिता 1958 की धारा 15 का उल्लंघन किया गया है।

जांच के आदेश दिए गए हैं

डिम्हांस के वित्त विभाग में कुछ कर्मचारियों की लापरवाही के कारण बिल भुगतान में समस्या आ रही है। इस संबंध में प्रशासनिक चिकित्सा अधीक्षक के नेतृत्व में जांच के आदेश दिए गए हैं।
डॉ. अरुण कुमार सी., निदेशक, डिम्हांस, धारवाड़

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

प्रशासनिक अनुमोदन प्राप्त किए बिना बिलों के भुगतान और कुछ सामग्रियों के लिए अतिरिक्त मूल्य तय करने की आंतरिक जांच का आदेश दिया है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सिद्धलिंगय्या हीरेमठ, प्रशासक अधिकारी, डिम्हांस, धारवाड़

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