हुब्बल्ली. यह रविवार शहर के लोगों के लिए अन्य रविवारों से थोड़ा अलग था।
हजारों लोग, उत्साही युवा, छात्र और यहां तक कि कुछ गणमान्य व्यक्ति भी सुबह-सुबह कित्तूर चन्नम्मा सर्किल से दौड़े।
पुलिस के दौड़ लगाते ही लोग भी भागे… वे भागे… भागते रहे…
वे एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 5 किमी, 10 किमी दौड़े!
इस प्रकार वे पुलिसके डर से नहीं भागे, इसके बजाय, स्वास्थ्य के लिए, मादक वस्तुओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता के लिए भागे!
नशा जीवन के सपने को नष्ट कर देता है, नशा मुक्त जीवन एक सुंदर जीवन है, नशा कुछ सुंदर आत्माओं को चुरा लेता है, आदि जैसे जागरूकता वाले संदेश मैराथन में भाग लिए सभी प्रतिभागियों के हाथ में लहलहा रहे थे।
अबतक महानगर में मादक वस्तुओं की बिक्री, अवैध तस्करी और ड्रग्स तस्करों के खिलाफ अभियान छेडऩे वाले पुलिस आयुक्त और उनके कर्मचारी नशे के आदी लोगों और उनके परिवारों के बीच जागरूकता बढ़ाई थी।
इस रविवार को पुलिस विभाग के राज्यव्यापी पुलिस रन मैराथन कार्यक्रम का सार्थक उपयोग नशीली वस्तुओं के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया गया।
हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर पुलिस आयुक्तालय और धारवाड़ जिला पुलिस की ओर से सार्वजनिक संगठनों और जन-समर्थक संगठनों के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित इस मैराथन को जनता, छात्रों और युवाओं से भारी प्रतिक्रिया मिली।
मैराथन दो भागों में आयोजित की गई थी, एक कित्तूर चन्नम्मा सर्कल से तोलनकेरे तक 5 किमी की दौड़ और दूसरी प्रेसिडेंट होटल सर्कल से तोलानाकेरे तक 10 किमी की दौड़।
इसमें नागरिक, रिजर्व बल और यातायात पुलिस समेत हजारों पुलिस कर्मियों और अधिकारियों ने भाग लिया था।
तोलनकेरे सर्कल में मैराथन के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।
इस अवसर पर व्यवसायी डॉ. वी.एस.वी. प्रसाद, हुब्बल्ली धारवाड़ शहरी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष शाकीर सनदी, वसंत होरट्टी, किम्स निदेशक डॉ. एस.एफ. कम्मार ने कहा कि मैराथन का आयोजन शहर व जिला पुलिस के लिए जनता के स्वास्थ्य की रक्षा तथा नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सार्थक है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ऐसे और भी कायक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
महानगर पुलिस आयुक्त एन. शशिकुमार और जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. गोपाल ब्याकोड ने विचार व्यकति किया।
इस अवसर पर डीसीपी महानिंग नंदगावी, सी.आर. रवीश व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।