मरीजों से भरे अस्पताल
जमीन पर किया जा रहा इलाज
कोप्पल. कुष्टगी तालुक के नेरेबेंची ग्रामीण पिछले दो सप्ताह से सामूहिक रूप से तेज बुखार से पीडि़त हैं। कस्बे के बिरलिंगेश्वर मंदिर स्थित अस्थायी उपचार केंद्र मरीजों से भरा हुआ है। बच्चों और महिलाओं सहित कई लोगों का इलाज करने का दृश्य आम हो गया है।
लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग अस्थायी उपचार केंद्र खोलकर आवश्यक कर्मचारी और दवाएं उपलब्ध कराकर मदद कर रहा है। कई लोगों के खून के नमूने भी जिला मुख्यालय स्थित प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह न तो डेंगू है और न ही चिकनगुनिया। हमें और कौन सी बीमारी घेर रही है? यह सवाल ग्रामीणों को परेशान कर रहा है। गांव के हर घर में बुखार से पीडि़त लोगों को देखा जा सकता है।
ग्रामीण मौनेश मेटी, शरणप्पा हिरेबंडिहाल, अज्जप्पा कनकोप्पा ने अपनी पीड़ा सुनाते हुए बताया कि उनके हाथ-पैर और जोड़ों में दर्द के कारण उठा नहीं जा रहा है, शौच के लिए भी जाने में असमर्थ हैं, अत्यधिक बुखार ने परेशान किया है। हमारे गांव के लोगों की दुर्दशा का समाधान ही है।
मंदिर का आंतरिक और बाहरी परिसर मरीजों से भरा हुआ है जिनका फर्श पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है। खंभों से बांध कर नीचे उतारी गई सलाइन बोतलों की ड्रिप के जरिए दवाएं देते हुए नजर आ रहा है। इसी तरह कुष्टगी सरकारी अस्पताल में भी नेरेबेंची के मरीज बड़ी संख्या में भर्ती हो रहे हैं।
स्वच्छता का अभाव
लोगों का कहना है कि समस्या पेश आने के बाद, ग्राम पंचायत ने स्वच्छता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का फैसला किया है परन्तु गंदगी की समस्या वैसी ही बनी हुई है, अस्थायी उपचार केंद्र के बगल में एक विशाल नाले में महीनों से गंदा पानी जमा हुआ है। पंचायत को इसकी सफाई के लिए आगे आना चाहिए।
फ्लोराइड युक्त पानी पीने के मजबूर
लोगों ने बताया कि आरओ यूनिट दूर है और महिलाएं व बुजुर्ग वहां जा नहीं पाते हैं। अधिकारियों ने यूनिट को शहर में स्थानांतरित करने की लोगों की याचिका को नजरअंदाज कर दिया है। इसलिए वे ट्यूबवेल के पानी का उपयोग कर रहे हैं जो पीने के लिए उपयुक्त नहीं है और इसमें फ्लोराइड की मात्रा अधिक है, यह बीमारी का कारण भी बन रहा है। लोगों को उठने-बैठने में भी दिक्कत हो रही है। शौच के लिए उठा कर ले जाना पड़ रहा है। वे उन्हें व्हीलचेयर पर इलाज केंद्र तक ला रहे हैं। यह शहर कोप्पल की मुख्य सडक़ से सटा हुआ है और एक भी वरिष्ठ अधिकारी ने इस शहर का दौरा नहीं किया है।
स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास
लोगों के रक्त के नमूनों की रिपोर्ट में डेंगू चिकनगुनिया नेगेटिव आया है, लोगों को वायरल बुखार का संक्रमण हुआ है। स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहा है।
डॉ. आनंद गोटूर, तालुक स्वास्थ्य अधिकारी
दूषित पानी पर ही निर्भर हैं लोग
स्वच्छता के लिए लोगों को सहयोग करना चाहिए। कई लोगों के पास गड्ढों में पाइप कनेक्शन हैं और सीवेज नलों में वापस शामिल हो रहा है। हमने इस बारे में जागरूकता पैदा करने की कोशिश की है। गांव में, जेजेएम परियोजना विफल हुई है और पाइप कनेक्शन ही नहीं दिया है। घटिया काम होने के आरोप हैं, जिससे लोग दूषित पानी पर ही निर्भर हैं।
–शेखरप्पा हरिजन, अध्यक्ष, कंदकूर ग्राम पंचायत