विद्यार्थियों, महिलाओं, बुजुर्गों को हो रही समस्या
कार्य पूरा करने के लिए समय सीमा तय करें
हुब्बल्ली. विकास कार्य के कारण धारवाड़ के सीबीटी (सिटी बस टर्मिनल) को बंद कर बस स्टॉप के लिए वैकल्पिक स्थानों की पहचान की गई है। इससे विद्यार्थियों, महिलाओं, बुजुर्गों बड़ी समस्या हो रही है।
जनता कहना है कि धारवाड़ के विभिन्न उपनगरों और इलाकों के लिए बसें एलईए कैंटीन और किटेल कॉलेज के पीछे वाले इलाके से चल रही हैं। स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों का यहां से निकलना मुश्किल हो गया है। साथ ही, यह बाजार क्षेत्र से काफी दूर होने से यात्रा लंबी होगी। इसके स्थान पर सीबीटी के निकट किसी स्थान से बस यातायात चलाना चाहिए।
यातायात की समस्या
लोगों का कहना है कि वर्तमान बस स्टैंड के कारण एलईए कैंटीन और किटेल कॉलेज के पीछे की सडक़ों पर यातायात कष्टप्रद होने लगा है। अब अंजुमन सर्किल के पास निजी बसों को दी गई सुविधा परिवहन निगम की सिटी परिवहन बसों को भी देनी चाहिए। ऐसा करने पर सिटी कनेक्टिविटी सुविधाजनक होगी।
दूसरी जगह दीजिए
छात्रओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ एरिया की बसें आरएलएस कॉलेज गेट से अंजुमन सर्किल और आजाद पार्क रोड तक चलानी चाहिए। वर्तमान में हुब्बल्ली-धारवाड़ महानगर निगम के कचरा वाहनों और अन्य वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बने कला भवन परिसर को भी सीबीटी बसों की पार्किंग के लिए उपयोग करने पर यात्रियों को सुविधा होगी। अगर यह परिसर एक अस्थायी बस स्टैंड है, तो शहर में चलने वाली सभी बसें भी उसी तरफ से चल सकती हैं।
स्थानीय निवासी शंकरन्ना पाटिल का कहना है कि अब सीबीटी का विकास हो रहा है जो स्वागत योग्य है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि लोगों को इसके नाम पर परेशानी न हो। लोगों की मांग है कि परिवहन निगम के अधिकारियों को इस संबंध में सोचना चाहिए।
काम में देरी न हो
कारोबारियों का कहना है कि धारवाड़ के पुराने बस स्टैंड का विकास कार्य शुरू होने पर भी यही समस्या सामने आई थी। उसमें भी इस काम में दो साल से अधिक का समय लगने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। इसके चलते सीबीटी में भी वैसी स्थिति नहीं आनी चाहिए। कार्य के लिए समय सीमा तय करनी चाहिए। इससे सीबीटी के आसपास के कारोबार पर होने वाली समस्या का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए।
समय सीमा तय करें
गर्मी बढ़ रही है। ऐसे में पैदल चलना तो दूर बस से यात्रा करना भी परेशानी का सबब बनी है। छात्र, वृध्द, महिलाएं अभी से ही कोस रहे हैं। इसके चलते सीबीटी को कला भवन परिसर में स्थानांतरित करने पर सभी के लिए सुविधा होगी। काम पूरा करने के लिए समय सीमा तय करनी चाहिए।
-श्रीशैलगौड़ा कमतर, जिलाध्यक्ष, जदयू