राज्य की मांग पर केंद्रीय मंत्री की सकारात्मक प्रतिक्रियाकलबुर्गी में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी।

पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया

कृष्णा अधिसूचना

कलबुर्गी. केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शनिवार को कृष्णा जल पर बचावत न्यायाधीकरण के फैसले के लिए केंद्र को तुरंत अधिसूचना जारी करने के कानून मंत्री एच.के. पाटिल के आग्रह पर केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

शहर में आयोजित एक समारोह में मौजूद दोनों गणमान्य नेताओं ने अपने दलीय मतभेदों को भुलाकर अधिसूचना के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

खास बात यह रही कि मुख्य अतिथि मंत्री एचके पाटिल ने राज्य हित से जुड़े कृष्णा अधिसूचना मुद्दे को उठाया और उनके बाद एक अन्य मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री जोशी ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की।

सिद्धरामय्या सरकार पिछले कई महीनों से अधिसूचना की मांग कर रही थी। इसके अलावा इस मामले पर चर्चा के लिए मई के पहले सप्ताह में दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई गई थी परन्तु उसी दौरान ऑपरेशन सिंदूर हुआ और वह बैठक आगे के लिए स्थगित की गई।

मंत्री एच.के. पाटिल ने कहा कि बचावत फैसले को प्रकाशित हुए पंद्रह साल हो चुके हैं। फैसले की 40 फीसदी अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है। यह अवधि 2060 में समाप्त होगी। अधिसूचना लागू किए बिना यू.के.पी. का काम लंबित है। यदि अधिसूचना तत्काल लागू नहीं की गई तो यह राज्य, विशेषकर उत्तर और कल्याण कर्नाटक के साथ बहुत बड़ा अन्याय होगा। केंद्रीय मंत्री जोशी को यह काम पूरा करवाना चाहिए।

अपने भाषण में सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी को अधिसूचना पर कोई आपत्ति नहीं है। यह राज्य हित का सवाल है। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, आप सभी को राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्रियों के साथ दिल्ली में एक विशेष बैठक करनी चाहिए। फिर हम सब मिलकर प्रधानमंत्री के पास जाकर अधिसूचना के लिए प्रयास करना चाहिए। मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण इसमें देरी हो रही है। प्रधानमंत्री के पास जा कर इसका समाधान करना चाहिए।
केंद्र और राज्य सरकार के इन दोनों जिम्मेदार मंत्रियों ने यू.के.पी. (अपर कृष्णा योजना) के बारे में एकजुटता जताई।

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